दिल्ली जीएसटी और वैट विभाग ने गलती करने वाले कारोबारियों के बैंक खाते attachment/detachment करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक अब दोषी कारोबारियों के बैंक खाते को attach/detach करने के लिए जीएसटी/वैट कमिश्नर की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि यह देखा गया है कि जीएसटी और वैट कानून के तहत कई ऐसी डिमांड लंबित हैं। जिनके मामले में न तो कोई आपत्ति/अपील दायर की गई है और न ही बकाया राशि का भुगतान दोषी कारोबारियों द्वारा किया जा रहा है।
वसूली के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा कारोबारियों को नोटिस जारी किए जाते हैं। कर, जुर्माना, ब्याज और किसी भी अन्य देय राशि की वसूली के लिए कानून के तहत दोषी कारोबारियों के बैंक खाते को attach करने का प्रावधान है।
बैंक खाते को attach/detach करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए जीएसटी कमिश्नर ने समस्त वार्ड प्रभारियों/उचित पदाधिकारियों को कुछ निर्देश जारी किए हैं।
इसके तहत दोषी कारोबारियों के बैंक खाते attach/detach करने से पहले कमिश्नर की अनुमति लेना अनिवार्य है। बैंक खाते को attach/detach करने के लिए बैंक प्रबंधक को लेटर जारी करते समय उक्त लेटर संबंधित वार्ड अधिकारी द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होगा। साथ ही इस लेटर की प्रति नोडल अधिकारी को भेजनी होगी। लेटर निर्धारित प्रारूप में होना चाहिए। जिसमें लेटर भेजने वाले संबंधित अधिकारी का नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर का उल्लेख होना चाहिए।
साथ ही अधिकारी अपने अधिकारिक ई—मेल आईडी से बैंक प्रबंधक को यह लेटर भेजेगा। अधिकारी को detachment के लेटर में विशेष रूप से उल्लेख करना चाहिए कि यदि बैंक खाते को detach करने से पहले किसी स्पष्टीकरण/पुष्टि की आवश्यकता है तो वह नोडल अधिकारी से इसका पता कर सकता है।