गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (GCPL) ने तमिलनाडु में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान राज्य में नए निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी सुधीर सीतापति ने शाइन जैकब के साथ बातचीत में तमिलनाडु में निवेश, हेयर कलर खंड में अधिग्रहण, रेमंड कंज्यूमर केयर के उपभोक्ता उत्पाद कारोबार के अधिग्रहण आदि मुद्दे पर बातचीत की। मुख्य अंशः
हम देश के दक्षिणी और उत्तरी हिस्से यानी तमिलनाडु और ग्वालियर में 500-500 करोड़ रुपये निवेश करने वाले हैं। यह एक बहुश्रेणी फैक्टरी होगी इसलिए अनूठी होगी। पहले भी हमारी फैक्टरियां रही हैं मगर वे एकल थीं।
उदाहरण के लिए ग्वालियर में पहले से हमारे पास साबुन की फैक्टरी है। पुदुच्चेरी में भी हमारी एकल श्रेणी फैक्टरी है। अब लॉजिस्टिक्स अनिवार्यता ने कर बचत जैसी पहली की अनिवार्यताओं का स्थान ले लिया है। अब कोई नया संयंत्र लगाते हैं तो आपको इसे लॉजिस्टिक्स के हिसाब से बेहतर जगह लगाना होगा।
गोदरेज लिक्विड डिटर्जेंट श्रेणी में ईजी के साथ अग्रणी है, जिसे उत्तर भारत में ऊनी कपड़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लिक्विड डिटर्जेंट बाजार भारत भर में फैल रहा है, खासकर दक्षिण भारत में। हमारा मानना है कि इस श्रेणी में उत्पाद की गुणवत्ता और कीमतों के लिहाज से फैब के साथ हमारा प्रवेश अच्छा रहा है। इसकी कीमत काफी आकर्षक होकर 99 रुपये है।
दक्षिण भारत को हमने इसलिए चुना क्योंकि मौजूदा लिक्विड बाजार अन्य राज्यों की तुलना में दक्षिण में सबसे बड़ा है। अमूमन, नए उत्पाद दक्षिण में बेहतर प्रदर्शन करते हैं फिर आगे बढ़ते हैं। अभी शुरुआती दौर है या एक या दो महीने ही हुए हैं बाजार से प्रतिक्रिया बहुत अच्छी मिल रही है।
दक्षिण में गोदरेज की बाजार हिस्सेदारी शुरू से अच्छी रही है। साबुन, घरेलू कीटनाशक, हेयर कलर, एयर फ्रेशनर, लिक्विड डिटर्जेंट, डियोडोरंट और कण्डोम जैसी सात श्रेणियों में हमारा कारोबार है। लगभग सभी श्रेणियों में दक्षिण की बाजार हिस्सेदारी काफी अच्छी है। खासकर तमिलनाडु में बहुत मजबूत है।
हम अधिग्रहण के अवसर लगातार तलाश रहे हैं और उनका मूल्यांकन भी कर रहे हैं। अगर अच्छे अवसर मिलेंगे तो हम जरूर उन पर गौर करेंगे।
हम सकारात्मक बने हुए हैं। पिछले दो से तीन वर्षों से प्रीमियम श्रेणियां बेहतर कर रही हैं जबकि बड़ी श्रेणियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। मुझे लगता है कि यह प्रवृत्ति उलट जाएगी क्योंकि पिछले छह महीनों में उपभोग के लिए काफी धन दिया गया था। इसलिए मैं उम्मीद कर रहा हूं कि यह प्रवृत्ति उलटेगी।
अगर लागत के तालमेल के हिसाब से देखें तो इसने बेहतर किया है। सभी पहलुओं पर इसने बेहतर किया है।