ऐसे समय में जब प्रमुख भारतीय आईटी सेवा कंपनियां न्यूनतम वेतन वृद्धि की पेशकश कर रही हैं या एप्रेजल चक्र में देर कर रही हैं, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) करियर उन्नति के आकर्षक अवसर और बेहतर वेतन पैकेज प्रदान करने की क्षमता के कारण प्रतिभाओं के लिए आकर्षक विकल्प बन रहे हैं। प्रतिभा प्रबंधन फर्म रैंडस्टैड के अनुसार वेतन ही नहीं, दूसरी चीजों की वजह से भी आईटी कंपनियों से जीसीसी की ओर प्रतिभा का 20 से 25 प्रतिशत स्थानांतरण हो रहा है।
रैंडस्टैड डिजिटल के ग्लोबल डिलिवरी और टैलेंट ऑफिसर रोहित किशोर ने कहा ‘जीसीसी बैक-ऑफिस भूमिकाओं के बदले उत्पादों और कारोबारी कार्यों के स्वामित्व की पेशकश करते हैं, जो तीन से 12 साल का अनुभव रखने वाले व्यक्तियों के लिए करियर में उन्नति का अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा परिपक्व जीसीसी नए स्नातकों को भी नियुक्त कर रहे हैं, क्योंकि वे भविष्य के लिए प्रतिभा में निवेश कर रहे हैं।’
ऐसा लगता है कि आईटी सेवा कंपनियां जीसीसी के हाथों आउटसोर्सिंग कार्य का कुछ हिस्सा भी गंवा रही हैं। मिसाल के तौर पर अमेरिकी प्रयोगशाला उपकरण विनिर्माता वाटर्स कॉर्प अब इन्फोसिस द्वारा किए जा रहे प्रौद्योगिकी कार्य को इनसोर्स कर रही है। पिछले साल बेंगलूरु में अपने अमेरिका की ऑनलाइन होम स्टोर वेफेयर ने पिछले साल बेंगलूरु में अपना जीसीसी स्थापित किया था।
इसने इस केंद्र में प्रौद्योगिकी पहल की विस्तृत श्रृंखला का नेतृत्व और समर्थन करने के लिए प्रौद्योगिकी क्षेत्र के छह अनुभवी प्रमुखों सहित 300 से अधिक पेशेवरों को काम पर रखा है।
वेफेयर इंडिया टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर के प्रौद्योगिकी प्रमुख और साइट लीडर रोहित कैला ने कहा ‘भारत में हमारी स्थापना बड़े स्तर पर नवाचार के लिए भारत की उल्लेखनीय क्षमता की स्वीकृति का प्रतीक है।’
हेल्थकेयर जीसीसी – थ्राइव डिजिटल हेल्थ का लक्ष्य साल 2024 में अनुभवी विशेषज्ञों और नए स्नातकों सहित अलग-अलग प्रतिभा समूह को आकर्षित करना है।
थ्राइव डिजिटल हेल्थ के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी बालासुब्रमण्यन (बाला) शंकरनारायणन ने कहा कि आने वाले वर्ष में हमें मुख्य और अन्य क्षेत्रों में क्षमता वृद्धि जारी रखने की आवश्यकता दिख रही है, साथ ही वैकल्पिक खर्च को आंतरिक स्तर पर रखने पर भी सतर्कतापूर्वक जोर दिया जा रहा है।