यात्री कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड को डॉलर और रुपये की कीमत में आए उतार चढ़ाव की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।
मुद्रा में इस ज्वार भाटे की वजह से कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान मुनाफे में जबरदस्त कमी झेलनी पड़ी है। हालांकि उसकी बिक्री तो बढ़ी, लेकिन मुनाफे में वित्त वर्ष 2007-08 के मुकाबले 18 फीसदी की गिरावट आई।
कंपनी ने इसी वर्ष मार्च में खत्म तिमाही के दौरान 243.1 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया। इससे पिछले वर्ष के मार्च महीने में समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के मुनाफे का आंकड़ा 297.6 करोड़ रुपये था।
हालांकि तमाम जानकार कंपनी को तकरीबन 359.2 करोड़ रुपये या उसके आसपास मुनाफा होने की आस लगा रहे थे, लेकिन उनके कयास एकदम पलट गए। कंपनी को शुद्ध मुनाफे में कमी होने की बड़ी वजह विनिमय दर रही, जो निर्यात से जुड़ी थी।
मारुति सुजूकी के मुख्य कार्य अधिकारी अजय सेठ ने कहा, ‘हमें 121 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसका पता चौथी तिमाही में चला। हमने डॉलर की कीमत 41 से 42 रुपये के बीच मानी थी, लेकिन मामला बिगड़ गया।’
कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘पिछले वित्त वर्ष के दौरान जिंसों की कीमतें काफी तेजी से बढ़ीं और ज्यादातर वक्त तक दाम ज्यादा ही रहे। इसके अलावा मुद्रा में उतार चढ़ाव भी हमारे खिलाफ रहा और मुनाफे पर उसका काफी असर पड़ा।’
अलबत्ता कंपनी की बिक्री इस अवधि में काफी अच्छी रही। उसने चौथी तिमाही के दौरान 6,432.90 करोड़ रुपये के वाहन बेचे, जबकि मार्च 2008 की तिमाही में उसने 4,943 करोड़ रुपये के वाहनों की बिक्री की थी।
समूचे वित्त वर्ष के वित्तीय आंकड़ों की बात की जाए, तो भी कंपनी के लिए मामला अच्छा नहीं रहा। वित्त वर्ष में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 29.59 फीसदी गिरावट आई। यह आंकड़ा 1,218.74 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान यह आंकड़ा 1,730 करोड़ रुपये था। कंपनी की बाजार में हिस्सेदारी जरूर 51.4 फीसदी से बढ़कर इस दौरान 52.2 फीसदी हो गई।
मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड
चौथी तिमाही के कारोबारी नतीजे
2007-08 2008-09
शुद्ध लाभ 297.6 243.1
शुद्ध बिक्री 4,762.9 6,432.9
सभी आंकड़े करोड़ रुपये में