भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मंगलवार को क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्मों जैसे ब्लिंकइट, स्विगी, इंस्टामार्ट और जेप्टो की बैठक बुलाई है, जिसमें खाद्य और सुरक्षा मानकों के मसले पर चर्चा होगी। मामले से जुड़े सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब पैकेज्ड फूड उत्पादों को लेकर ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं। इसमें एक्सपायरी और बेस्ट बिफोर डेट से जुड़े उल्लंघन के मामले भी शामिल हैं। उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर कहा, ‘समस्या यह है कि उत्पाद की न्यूनतम शेल्फ लाइप के नियम का पालन कुछ कारोबारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है।’
पिछले सप्ताह एफएसएसआई ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों से जुड़े खाद्य सुरक्षा मानकों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय परामर्श समिति (सीएसी) के साथ बैठक की थी। इसमें राज्यों को निर्देश दिए गए थे कि वे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के गोदामों और सामान रखने के केंद्रों की निगरानी बढ़ाएं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस पत्र की प्रति देखी है, जिसे इस मसले पर क्विक कॉमर्स कंपनियों को भेजा गया है।
एक स्वतंत्र कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स ने एफएसएसएआई को अक्टूबर में पत्र लिखकर कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों द्वारा खाद्य संरक्षा एवं मानक संशोधन नियम 2020 के उल्लंघन किए जाने के मामलों की जांच करने का अनुरोध किया था, जो 30 दिन से कम शेल्फ लाइफ वाले उत्पादों को सूची में शामिल कर रही हैं और उनकी डिलिवरी कर रही हैं।
इसने पत्र में लिखा है, ‘पिछले 12 महीनों से ऐसे ग्राहकों की संख्या बढ़ी है, जो लोकलसर्किल प्लेटफॉर्म पर नियमित रूप से बता रहे हैं कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ऐसे उत्पाद भेज रहे हैं, जिनकी शेल्फ लाइफ बहुत कम बची हुई है। उदाहरण के लिए ब्रेड के पैकेट की सामान्यतया शेल्फ लाइफ 5 से 7 दिन होती है और ऐसी ब्रेड पहुंचाई जाती है, जिसके सिर्फ 1 दिन बचे होते हैं।’