गूगल (Google) ने बेंगलूरु में आयोजित अपने पहले आई/ओ कनेक्ट इवेंट में बुधवार को भारतीय डेवलपरों के लिए कई आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) उपकरणों और प्रौद्योगिकी की पेशकश की। कंपनी ने भारतीय डेवलपरों के लिए अपने सटीक भाषा AI मॉडल को PALM API, मेकसुइट और गूगल क्लाउड के वर्टेक्स AI जैसे फीचर के जरिये पहुंच बनाने की अनुमति दी।
गूगल क्लाउड ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तहत ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ सहयोग कर एक नई पहल की शुरुआत की ताकि विभिन्न देशों में विक्रेताओं को व्यावसायिक मंच बनाने और उसका दायरा बढ़ाने में मदद मिले।
कंपनी रिटेल AI टेक्नोलॉजी और पाम एपीआई का इस्तेमाल कर ONDC के ढांचे और बुनियादी API पर अमल कर इसके दायरे में विस्तार करने के साथ सुरक्षा देने के लिए ओपन सोर्सिंग पर जोर दे रही है।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने एक नए स्टार्टअप क्रेडिट प्रोग्राम की घोषणा की है जहां कंपनियां ONDC का इस्तेमाल कर 25,000 डॉलर के अनुदान के लिए आवेदन कर सकती हैं। गूगल, शोध मॉडल के ओपन सोर्सिंग पर जोर दे रही है और विभिन्न परियोजनाओं के तहत इसका पहला डेटासेट भारतीय डेवलपरों के लिए मददगार साबित होगा।
‘प्रोजेक्ट वाणी’ में भारतीय विज्ञान संस्थान के साथ सहयोग के जरिये गूगल 38 भाषाओं में 4,000 घंटे के स्पीच डेटा के पहले सेट के ओपन सोर्स का विकल्प देगी। शहरी योजना और बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर देकर कंपनी ने गूगल मैप्स मंच के भीतर एक नए फीचर की घोषणा की जिसे एड्रेस डिस्क्रिप्टर्स कहा गया जो 25 शहरों में किए जाने वाला भारत का पहला प्रयोग है। यह एक ऐसा फीचर है जिसे ग्राहकों की सहूलियत के लिए तैयार किया गया है ताकि वे किसी विशेष स्थान या क्षेत्र का नाम लेकर उस पते को ढूंढ सकें।
इसके अलावा कंपनी ने देश के 20 करोड़ जगहों के लिए ओपन बिल्डिंग सूचना भी जारी की है जो कंपनियों को व्यस्ततम शहरी इलाकों में सामाजिक और बुनियादी ढांचा परियोजना की योजना तैयार करने में मददगार साबित होगा। गूगल अपने स्वास्थ्य सेवा से जुड़े AI मॉडल API तक पहुंच बनाने के लिए डेवलपरों के लिए ट्रस्टेड टेस्टर प्रोग्राम की शुरुआत करेगा जो हाथ से लिखे प्रिस्क्रिप्शन से भी दवाओं के नाम की पहचान कर लेगा।
इसके अलावा भी इस कार्यक्रम के शुरुआती चरण में कई AI संचालित उपकरणों को दिखाया गया जैसे कि स्टूडियो बॉट आदि जो डेवलपरों को कोड आसानी से तैयार करने में मददगार साबित होगी। इसके अलावा यह बताया गया कि गूगल का इरादा देश के स्मार्ट वॉच और स्मार्ट टीवी सेगमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की है।
गूगल रिसर्च इंडिया के निदेशक मनीष गुप्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को जूम कॉल पर बताया कि कंपनी सीगुल डेटाबेस के ओपन सोर्स का विकल्प देगी ताकि नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के पूर्वग्रह को खत्म करने में या उनका आकलन करने में मददगार हो।
इसके अलावा राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर एवं सेवा कंपनी संगठन नैसकॉम ने हाल ही में जेनरेटिव AI के इस्तेमाल के लिए ताजा दिशानिर्देश दिए जिसके बारे में गुप्ता ने कहा, ‘हम दुनिया में नीति बनाने वालों का स्वागत करने के लिए तैयार है ताकि जोखिम आधारित नियमन तैयार किए जा सकें जो विश्वसनीय AI ऐप्लिकेशन को बढ़ावा दे। हम उन पहली कंपनियों में से हैं जिसने AI सिद्धांत (2018) का सेट प्रकाशित किया और हम AI जोखिम मूल्यांकन फ्रेमवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि जोखिम की पहचान कर उसे खत्म किया जा सके।’