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जेट के लिए चार बोलीदाता शॉर्टलिस्‍ट

Last Updated- December 15, 2022 | 8:16 PM IST

घटनाक्रम
अप्रैल 2019: जेट एयरवेज ने तात्कालिक तौर पर परिचालन बंद किया लेकिन फिर कभी उड़ान नहीं भर पाई
जून: एसबीआई ने जेट को एनसीएलटी में घसीटा, जेट एयरवेज दिवालिया प्रक्रिया में जाने वाली पहली विमानन कंपनी बनी
सितंबर: सिनर्जी ग्रुप ने जेट के पुनरुद्धार में दिखाई रुचि लेकिन समाधान योजना प्रस्तुत करने में विफल
जनवरी 2020: रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने नए सिरे से अभिरुचि पत्र मंगाई
फरवरी: तीन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी लेकिन किसी ने समाधान योजना प्रस्तुत नहीं की
मार्च: रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने सीआईआरपी अवधि में 3 महीने का विस्तार मांगा
अप्रैल: जेट के सीआईआरपी अवधि को 21 अगस्त तक बढ़ा दिया गया
मई: लेनदारों ने नए सिरे से अभिरुचि पत्र मंगाई, 12 अभिरुचि पत्र प्राप्त हुए
जून: 12 अभिरुचि पत्रों में से चार को शॉर्टलिस्ट किया गया
संकटग्रस्त विमानन कंपनी जेट एयरवेज के समाधान के लिए चौथे दौर के तहत प्राप्त 12 अभिरुचि पत्रों (ईओआई) में से चार को अलग किया गया है। इन्हें लेनदारों और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल द्वारा निर्धारित बोली मानदंडों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया है।
इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार, ब्रिटेन की कलारो कैपिटल, कनाडा के उद्यमी शिवकुमार रसैया, अबू धाबी की कंपनी इंपीरियल कैपिटल इन्वेस्टमेंट्स और अल्फा एविएशन को शॉर्टलिस्ट किया गया है। यह सूची अनंतिम है और अंतिम सूची 10 जून को जारी की जाएगी। उसके बाद शॉटलिस्ट किए गए कंपनियों को 10 जुलाई तक समाधान योजना पेश करने के लिए कहा जाएगा। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल इनमें से किसी एक समाधान योजना को प्राधिकृत अधिकारी के समक्ष 23 जुलाई को प्रस्तुत करेगा।
दक्षिण अफ्रीका का सिनर्जी ग्रुप लंबे समय से इस दौड़ में शामिल था लेकिन वह कोई समाधान योजना तैयार करने में विफल रही थी। लेकिन एक बार फिर दिलचस्पी दिखाने के बावजूद वह कोई समाधान योजना प्रस्तुत नहीं किया।
जेट एयरवेज के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल द्वारा किसी संभावित खरीदार को तलाशने की यह चौथी कोशिश थी। लेनदारों के साथ हुई पिछली बैठक में लेनदारों ने बोली मानदंडों में कुछ बदलाव करतेह हुए नए सिरे से अभिरुचि पत्र जारी करने का निर्णय लिया था ताकि कहीं अधिक संभावित खरीदारों को आकर्षित किया जा सके। इस बार 500 करोड़ रुपये से अधिक शुद्ध हैसियत वाले इच्छुक पक्ष को अभिरुचि पत्र जमा करने की अनुमति दी गई थी।
यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि लेनदारों को लगा कि कंपनी के परिसमापन से उन्हें कोई खास मूल्य हासिल नहीं होगा। इससे पहले दिवालिया ट्रिब्यूनल ने कॉरपोरेट ऋण शोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) को 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया था। जेट एयरवेज के लिए सीआईआरपी की अवधि मध्य मार्च में खत्म हो गई थी। एनसीएलटी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन की अवधि को सीआईआरपी अवधि से बाहर रखा जाएगा।
जेट एयरवेज के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने इस महीने के आरंभ में स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया था कि सीआईआरपी को पूरा करने के लिए संशोधित समय-सीमा अब 21 अगस्त 2020 है जो इस बात पर निर्भर करेगा कि केंद्र अथवा महाराष्ट्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में विस्तार न किया जाए।
विशेषज्ञों ने कहा कि विमानन उद्योग के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए यह मूल उपकरण विनिर्माताओं, पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों और रखरखाव सेवा प्रदाताओं के साथ सौदा शर्तों पर बातचीत करने का उपयुक्त समय है। फिलहाल विमानन ईंधन भी आकर्षक दायरे में है। परियालन लागत सबसे निचले स्तर पर है और यदि यात्री लोड फैक्टर में सुधार हुआ तो लाभप्रदता में आकर्षक सुधार होगा।
मार्च तक कुल 37,000 करोड़ रुपये के लिए 20,000 से अधिक दावे किए गए हैं। विमानन कंपनी कंपनी श्रमिकों और कर्मचारियों ने 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का दावा किया है जबकि वित्तीय लेनदारों ने 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का दावा किया है।

First Published - June 3, 2020 | 11:16 PM IST

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