विप्रो के पूर्व प्रमुख थिएरी डेलापोर्ट वित्त वर्ष 24 में दो करोड़ डॉलर (करीब 166 करोड़ रुपये) की आय के साथ लगातार दूसरी बार भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) बन गए। उन्हें वित्त वर्ष 23 में एक करोड़ डॉलर (करीब 83 करोड़ रुपये) का वेतन मिला था।
डेलापोर्ट ने 6 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया और वह 31 मई को कंपनी की सेवा से मुक्त हो जाएंगे। विप्रो के अनुभवी श्रीनिवास पल्लिया ने मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है।
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के पास विप्रो की 20-एफ सूचना से पता चला कि डेलापोर्टे को वेतन और भत्ते के रूप में करीब 39 लाख डॉलर, कमीशन/वैरिएबल वेतन के रूप में लगभग 50 लाख डॉलर, ‘अन्य’ वेतन के रूप में वर्गीकृत करीब 68 लाख डॉलर और दीर्घकालिक भुगतान के रूप में 43 लाख डॉलर मिले।
पल्लिया को करीब 50 करोड़ रुपये का वार्षिक वेतन पैकेज मिलेगा, जिससे वह वित्त वर्ष 25 में भारतीय आईटी उद्योग में सबसे अधिक वेतन पाने वाले मुख्य कार्य अधिकारियों में से एक बन जाएंगे। सूचना में यह भी कहा गया है कि विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन रिशद प्रेमजी के वृद्धिशील समेकित शुद्ध लाभ पर 0.35 प्रतिशत कमीशन के अधिकार को रोक दिया गया क्योंकि कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में घाटा दर्ज किया था।