व्हाट्सऐप द्वारा रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर खास ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव की पेशकश से इन कंपनियों को एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि यह भागीदारी जियोमार्ट को भारत में 48.7 करोड़ व्हाट्सऐप
उपयोगकर्ताओं तक पहुंच बनाने का अवसर प्रदान करेगी। उनका कहना है कि देश में कुल सालाना सक्रिय ई-कॉमर्स उपयोगकर्ता फिलहाल सिर्फ 20 करोड़ हैं।
परामर्श मुहैया कराने वाली फर्म रेडसीर में पार्टनर रोहन अग्रवाल ने कहा, ‘व्हाट्सऐप ज्यादातर भारतीयों के लिए प्रमुख मैसेजिंग ऐप है और इस भागीदारी के जरिये वे जियोमार्ट तक पहुंच बना पाएंगे। इसके अलावा, इससे उन उपयोगकर्ताओं तक ई-कॉमर्स क्षेत्र को पहुंचाने में मदद मिलेगी जो ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।’
वैश्विक तौर पर सबसे पहले इस तरह के प्रयासों के तहत, व्हाट्सऐप पर जियोमार्ट की पेशकश से भारत में उपयोगकर्ता नए खरीदारी अनुभव में सक्षम होंगे। वे जियोमार्ट के संपूर्ण ग्रॉसरी कैटलॉग के जरिये आसानी से अपने पसंदीदा उत्पाद चयन करने के बाद खरीदारी कर सकेंगे। वे व्हाट्सऐप चैट से हटे बगैर इन उत्पादों को कार्ट में शामिल करने और भुगतान करने में सफल रहेंगे।
मेटा के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि जियोमार्ट के साथ भागीदारी लोगों को महज एक चैट के जरिये किराना खरीदने में सक्षम बनाएगी। अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन किराने के ज्यादातर व्यवसाय बड़े शहों से हैं और यह भागीदारी छोटे शहरों और कस्बों के लिए भी अवसर साबित होगी।
थर्ड आईसाइट के मुख्य कार्याधिकारी देवांशु दत्ता ने कहा कि इस भागीदारी का ई-कॉमर्स उद्योग पर व्यापक असर होगा।
दत्ता ने कहा, ‘रिलायंस देश में सबसे बड़ी रिटेलर है। वह न सिर्फ बड़े शहरों में अवसर तलाशना चाहेगी बल्कि छोटे शहरों और कस्बों पर भी ध्यान देना चाहेगी। व्हाट्सऐप पर ग्राहक आसानी से किराना की खरीदारी कर सकते हैं और यह बार बार की जाने वाली खरीदारी से संबंधित है, इसलिए यह पेशकश बेहद फायदेमंद है।’
हालांकि दत्ता ने कहा कि दोनों कंपनियों के लिए सफलता के लिए ऐसी आपूर्ति प्रक्रिया तैयार करना जरूरी है जो आसान, तेज और किफायती हो। उन्होंने कहा, ‘यह एक लंबा रास्ता है, जिसे अभी पार करना बाकी है।’
