संबंधित पक्ष भले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा संकटग्रस्त कर्जदार एबीजी शिपयार्ड की जब्त परिसंपत्तियों के संबंध में स्पष्टता चाहते हों, लेकिन वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड की 659 करोड़ रुपये की विजयी बोली ने ऋणशोधन अक्षमता और दिवालिया संहिता (आईबीसी) के तहत परिसमापन प्रक्रिया की उम्मीद जगा दी है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) के अहमदाबाद पीठ और कानून क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड की विजयी बोली परिसमापन के तहत परिसंपत्तियों में सबसे बड़ी बोली में से एक है।
एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हालांकि ईडी द्वारा एबीजी शिपयार्ड की परिसंपत्तियों की जब्ती के संबंध में स्पष्टता मांगी जा रही है, लेकिन यह विजयी बोली परिसमापन प्रक्रिया के तहत भी लेनदारों के लिए अच्छा संकेत है, क्योंकि यह सबसे बड़ी बोली में से एक है। गुजरात सरकार के अधिकारियों के अनुसार यह घटनाक्रम राज्य के बंदरगाहों और जहाज निर्माण क्षेत्र के लिए भी अच्छा संकेत है।
