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अनिल अंबानी ग्रुप पर ED का शिकंजा, यस बैंक लोन फ्रॉड मामले में कई ठिकानों पर बड़ी छापेमारी

ED ने अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़े 35 ठिकानों पर छापेमारी कर 3,000 करोड़ के लोन घोटाले की जांच तेज की है।

Last Updated- July 24, 2025 | 12:56 PM IST
Anil ambani
यस बैंक लोन फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़े 35 ठिकानों पर ED ने की छापेमारी

Yes Bank-Reliance Loan Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी ग्रुप (Anil Ambani Group) की कंपनियों (Reliance Anil Ambani Group Companies – RAAGA) से जुड़े करीब 35 ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की। साथ ही, 50 से ज्यादा कंपनियों और 25 से ज्यादा व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। यह पूरा मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन के कथित दुरुपयोग और धनशोधन (money laundering) से जुड़ा है।

सूत्रों के मुताबिक ED को इस मामले में राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी संस्थाओं से भी जरूरी जानकारियां मिली हैं।

ED की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि लोन डाइवर्जन की ये योजना बेहद सुनियोजित थी। इस स्कीम के ज़रिए बैंकों, निवेशकों, शेयरधारकों और सार्वजनिक संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी कर पैसा इधर-उधर किया गया। जांच में यह भी पाया गया है कि यस बैंक के अधिकारियों को रिश्वत दी गई, जिससे लोन अप्रूवल में मदद ली गई। ED अब इस रिश्वत और लोन अप्रूवल के गठजोड़ की गहराई से जांच कर रही है।

ED को ऐसे सबूत मिले हैं कि लोन पास होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटर से जुड़े अकाउंट्स में फंड ट्रांसफर हुआ। लोन पास करते समय यस बैंक की ओर से कई गंभीर गड़बड़ियां की गईं। जैसे, क्रेडिट अप्रूवल मेमोरैंडम (CAM) को बैकडेट किया गया, बिना किसी उचित जांच (due diligence) के निवेश को मंजूरी दी गई और बैंक की क्रेडिट पॉलिसी का खुला उल्लंघन किया गया।

जांच में यह भी पाया गया कि लोन शर्तों के उल्लंघन के बावजूद, यह पैसा दूसरी ग्रुप कंपनियों और शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया। ED की जांच में कई रेड फ्लैग्स भी सामने आए हैं—कमजोर बैलेंस शीट वाली कंपनियों को लोन दिया गया, दस्तावेज अधूरे थे, डायरेक्टर्स और एड्रेस एक जैसे थे, लोन एक ही दिन में मंजूर और ट्रांसफर किए गए, यहां तक कि कुछ मामलों में आवेदन से पहले ही लोन दे दिए गए।

SEBI ने RHFL (Reliance Home Finance Ltd) के मामले में भी ED को जानकारी दी है। ED अब इस पर भी जांच कर रहा है कि किस तरह RHFL के कॉरपोरेट लोन एक साल में ₹3,742.60 करोड़ से बढ़कर ₹8,670.80 करोड़ हो गए। जांच में पता चला है कि इसमें भी नियमों का उल्लंघन हुआ है, जैसे अप्रूवल्स में जल्दबाज़ी, प्रक्रियाओं की अनदेखी और अन्य गड़बड़ियां।

इससे पहले, इसी हफ्ते SBI ने संसद को जानकारी दी थी कि उसने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल अंबानी को ‘फ्रॉड’ घोषित कर दिया है। यह फैसला RBI की फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइंस और बैंक की पॉलिसी के तहत 13 जून 2025 को लिया गया। SBI अब इस संबंध में जल्द ही CBI में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में है।

First Published - July 24, 2025 | 12:26 PM IST

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