देश में ई-रिटेल का मूल्य साल 2028 तक 160 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। फ्लिपकार्ट के सहयोग से बेन ऐंड कंपनी द्वारा जारी रिपोर्ट हाउ इंडिया शॉप्स ऑनलाइन के चौथे (2023) संस्करण के निष्कर्षों के अनुसार साल 2023 में 57 से 60 अरब डॉलर के अनुमानित मूल्य के साथ बाजार ने वैश्विक महामारी के बाद मजबूत वृद्धि का अनुभव किया है।
यह साल 2020 के बाद से आठ से 12 अरब डॉलर की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। ई-रिटेल बाजार आने वाले वर्षों में बढ़ने वाला है। वर्तमान में भारत के कुल खुदरा खर्च में ऑनलाइन खर्च का हिस्सा केवल पांच से छह प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह हिस्सेदारी 23 से 24 प्रतिशत है तथा चीन में 35 प्रतिशत से अधिक है। इससे विकास के लिए बड़े स्तर पर संभावना का संकेत मिलता है।
बेन के नवाचार और डिजाइन क्षमता क्षेत्र के साझेदार और ग्लोबल लीडर अर्पण शेठ ने कहा कि भारत के ई-रिटेल उद्योग के दीर्घकालिक आधार बरकरार है, जिसमें किफायती डेटा, बेहतर लॉजिस्टिक और फिनटेक अवसंरचना और मजबूत डिजिटल उपभोक्ता पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं तथा बाजार सुधरकर 23 से 25 प्रतिशत की वृद्धि स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है, जो साल 2028 तक बढ़कर 160 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा।
हालांकि ऑनलाइन चैनल बढ़ रहा है, लेकिन ऑफलाइन चैनल भी महत्वपूर्ण बना रहेगा। भारत का अधिकांश खुदरा खर्च (94 से 95 प्रतिशत) अब भी ऑफलाइन बना हुआ है।