DMRC ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आरइन्फ्रा) के कर्ज को समाप्त करने के लिए अंतिम प्रयास करते हुए राइट इश्यू की पेशकश कर दी है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) में अपने मौजूदा शेयरधारकों – केंद्र और दिल्ली सरकार, के लिए 7131 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू लॉन्च किया है। डीएमआरसी ने कहा कि दोनों सरकारों को इसमें कुल इश्यू का 50 फीसदी निवेश करना होगा।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को डीएमआरसी को बकाया राशि न चुका पाने के कारण फटकार लगाई थी, जिसके बाद कंपनी ने निदेशक मंडल की बैठक की और राइट इश्यू पेश करने का फैसला लिया। डीएमआरसी कई बार आरइन्फ्रा की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड को 4500 करोड़ रुपये का मध्यस्थता फैसला चुकाने से चूक चुकी थी।
गुरुवार को इश्यू पेश किया जा चुका है और यह 11 जनवरी तक जारी रहेगा। डीएमआरसी ने अपने दोनों शेयरधारकों को समान रूप से 3565.64 करोड़ रुपये की इक्विटी शेयर पूंजी का अभिदान लेने के लिए कहा है। कंपनी ने कुल 7.13 करोड़ इक्विटी शेयरों को पेश किया है, जिसमें प्रत्येक शेयर की कीमत 1,000 रुपये होगी।
यह फैसला ऐसे समय हुआ है जब केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ने डीएमआरसी को राशि देने से मना कर दिया था। बि़जनेस स्टैंडर्ड ने 10 नवंबर को रिपोर्ट किया था कि दिल्ली सरकार ने डीएमआरसी को यह बात कहकर भुगतान करने से मना कर दिया था कि इसके पास रकम अदा करने के लिए बजटीय प्रावधान नहीं है। डीएमआरसी ने एक हलफनामे में उच्चतम न्यायालय को बताया कि यह प्रक्रिया (राइट इश्यू) इक्विटी शेयरधारकों को उनकी संबंधित देयता का निर्वहन करने के उद्देश्य से आवश्यक है, भले ही इस संबंध में पहले ही बैठकें हो चुकी हों।
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अधिक समय की मांग करते हुए, कंपनी ने कहा कि बकाया राशि के भुगतान के लिए धन जारी करने के लिए दोनों सरकारों के लिए गैर-बजटीय वित्तीय निवेश की आवश्यकता होगी, जिसके लिए एक अलग अधिनियम की आवश्यकता होगी।
इस बीच, डीएमआरसी ने अदालत से कहा है कि कंपनी को कुछ समय और देने की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो डीएमआरसी का संचालन पूरी तरह से ठप हो जाएगा, जो जनहित के लिए नुकसान होगा। कंपनी ने कहा कि मेट्रो से रोज 51 लाख यात्राएं होती हैं।