facebookmetapixel
India-Oman FTA: भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौता, 98% भारतीय निर्यात को ड्यूटी-फ्री पहुंचबिहार में ग्रीन एनर्जी में ₹13,000 करोड़ का बड़ा निवेश, BSPGCL ने ग्रीनको एनर्जीज के साथ किया करारटैक्स डिपार्टमेंट ने ईमेल कर बड़े ट्रांजेक्शन और प्रॉपर्टी डील पर संदेह जताया है? जानें ऐसी स्थिति में क्या करेंचीन चुपचाप बना रहा दुनिया की सबसे ताकतवर चिप मशीन, जानिए अंदर की कहानीअब पर्स रखने की जरूरत नहीं! गूगल पे ने पहला UPI-पावर्ड डिजिटल क्रेडिट कार्ड किया लॉन्च, ऐसे करेगा कामKotak Nifty Next 50 ETF: नए ब्लूचिप शेयर लॉन्ग टर्म में बनाएंगे वेल्थ! NFO में ₹5000 के निवेश शुरूYear Ender 2025: IPO के बॉक्स ऑफिस पर ‘फ्लॉप’ हुए ये 5 इश्यू, निवेशकों को दे गए 55% तक का बड़ा नुकसानSBI, PNB, Canara, IOB ने घटाई ब्याज दरें, ₹20 लाख के होम लोन पर कितनी बनेगी EMI, जानें4 साल की वीजा सख्ती से ₹1 लाख करोड़ का नुकसान, चीनी इंजीनियरों के लिए भारत ने आसान किए नियमTCS के लिए AI बनेगा गेमचेंजर? 5 ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, 35% तक मिल सकता है रिटर्न

होम अप्लायंसेज को आवश्यक वस्तुओं में शामिल करने की मांग

Last Updated- December 12, 2022 | 5:31 AM IST

आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल करने की चाहत रखने वाली कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्मार्टफोन, लैपटॉप और डेस्कटॉप बनाने वाली कंपनियों ने राज्य सरकारों से आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल करने की मांग की थी। उसके कुछ ही दिनों बाद अब होम अप्लायंसेज विनिर्माताओं ने भी आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल किए जाने की मांग की है।
गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, ‘आज लगभग हर शहरी घर में रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और टेलीविजन सेट जैसे उत्पाद हैं। स्टेपल्स की बुनियादी जरूरतें हैं लेकिन ये उत्पाद भी आवश्यक हैं। इस पर गौर किया गया है। होम अप्लायंसेज दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं। इस लिहाज से इन्हें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में डाला जाना चाहिए।’
स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉक, डेस्कटॉप और टीवी सेट एवं रेफ्रिजरेटर तक बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि लॉकडाउन की स्थ्थिति में ऑफलाइन स्टोर बंद हैं। ऐसे में ऑनलाइन चैनल के जरिये इन उत्पादों की डिलिवरी की अनुमति दिए जाने से उन्हें अपने कारोबार को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। फिलहाल इनमें से अधिकांश को महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रोक दिया गया है जहां केवल फूड, ग्रोसरी और चिकित्सा वस्तुओं की आपूर्ति को ही मंजूरी दी गई है।
भारत एवं दक्षिण एशिया में पैनासोनिक के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी मनीष शर्मा ने कहा, ‘यह किसी एक चैनल को दूसरे के खिलाफ करने का मामला नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘पिछले एक साल के दौरान कई ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं ने लोगों के बीच डिजिटल की स्वीकार्यता को देखते हुए अपनी ऑनलाइन एवं होम डिलिवरी क्षमता विकसित की है। यदि लॉकडाउन के कारण उनके स्टोर बंद हो गए हैं तो उन्हें अपने उत्पादों की डिलिवरी लोगों के घरों तक करने की अनुमति मिलनी चाहिए। ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी कवरेज बढ़ाने के लिए ऐसा ही किया है। ऐसे में मुद्दा यह है कि लोगों तक उत्पादों की सुरक्षित डिलिवरी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों को अनुमति मिली चाहिए।’
कुछ कंपनियों का कहना है कि घर पर रहने, घर से काम करने और घर से ही पढ़ाई करने की संस्कृति फिलहाल कुछ समय के लिए बरकरार रहेगी।

First Published - April 25, 2021 | 11:48 PM IST

संबंधित पोस्ट