जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण करने वाली टाटा मोटर्स की ताकत में बेशक इजाफा हो गया है, लेकिन एक बड़े खतरे ने उसे परेशान कर रखा है।
यह खतरा खड़ा करने वाले हैं चंद ‘ई-खुराफाती’ यानी इंटरनेट पर शरारतें करने वाले। वे कंपनी के ट्रेडमार्क के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।विश्व बौद्धिक संपदा संगठन वाइपो के उप निदेशक फ्रांसिस गरी के मुताबिक टाटा मोटर्स का ट्रेडमार्क लगातार इंटरनेट हमलों का निशाना बन रहा है। वाइपो में दर्ज कराई गई शिकायतों में सबसे अधिक हिस्सा इसी कंपनी का है।
इंटरनेट पर ट्रेडमार्क के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें पंजीकृत कराने का जो चलन है, आंकड़ों के मुताबिक उसका सबसे ज्यादा नुकसान टाटा मोटर्स को ही हुआ है। चाहे भारतीय हों या विदेशी, ई-खुराफातियों की निगाहें इसी कंपनी के ट्रेडमार्क पर लगी रहती हैं।
वैसे टाटा मोटर्स के अलावा दूसरी भारतीय कंपनियों ने भी इस तरह की 127 शिकायतें पिछले साल दर्ज कराईं। विदेशी कंपनियों ने इस संबंध में जो शिकायतें दर्ज कराई हैं, उनमें 155 भारत से संबंधित हैं।
टेल्कॉन ने खरीदी स्पेन की कंपनी
टाटा मोटर्स और हिताची की साझा उपक्रम कंपनी टेल्कॉन ने स्पेन की निर्माण उपकरण कंपनी सेर्विप्लेम खरीद ली है। उसने 4.5 करोड़ यूरो देकर 79 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। इससे भारत और चीन के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बढ़ रही परियोजनाओं के मामले में कंपनी को बढ़त मिलने के आसार हैं।? टेल्कॉन के प्रबंध निदेशक रणवीर सिन्हा का कहना है कि यह अधिग्रहण बेहद अहम है और इससे 2012 तक कंपनी की पूंजी 4,000 करोड़ रु पये करने में मदद मिलेगी।