किशोर बियाणी के फ्यूचर समूह के लेनदारों ने कहा है कि अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ रिटेलर का 24,713 करोड़ रुपये का सौदा हो जाता है तो वे कर्ज पुनर्गठन योजना को दी गई मंजूरी वापस ले लेंगे। फ्यूचर रिटेल के लेनदारों ने पिछले हफ्ते कर्ज पुनर्भुगतान की समयसीमा में दो साल तक का विस्तार देने पर सहमत हो गए थे और बकाया ब्याज को इंटरेस्ट टर्म लोन में तब्दील करने पर भी सहमति जताई थी। साथ ही पुनर्गठन योजना के तहत जुर्माना भी माफ कर दिया जाएगा। पुनर्गठन की इस योजना को आरबीआई की तरफ से गटित के वी कामत समिति ने भी मंजूरी दे दी है। बैंंकिंग सूत्रों ने कहा कि कर्ज पुनर्गठन वास्तव में देश की सबसे बड़ी रिटेल को अपना कामकाज बनाए रखने में मदद के लिए प्लान बी है। यह योजना तभी शुरू होगी जब रिलायंस के साथ फ्यूचर रिटेल का थोक, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स परिसंपत्तियां बेचने का सौदा नहीं होता है।
अगर रिलायंस के सौदा हो जाता है तो पुनर्गठन योजना वापस ले ली जाएगी। सूत्रों ने कहा, अभी तक लेनदारों के कंसोर्टियम ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड, फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड और फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्युशंस लिमिटेड के कर्ज पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। फ्यूचर एंटरप्राइजेज और फ्यूचर रिटेल की पुनर्गठन योजना को आरबीआई की कामत समिति की मंजूरी मिल गई है। आरआईएल व फ्यूचर समूह के बीच 24,713 करोड़ रुपये के सौदे की घोषणा पिछले साल अगस्त में हुई थी, लेकिन ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन की तरफ से इसका विरोध किए जाने के कारण इसमें देर हो रही है। एमेजॉन की याचिका पर अब सर्वोच्च न्यायालय मेंं सुनवाई हो रही है।