सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को NCLT के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें रिलायंस कैपिटल की परिसंपत्तियों (assets) की नीलामी के दूसरे दौर की इजाजत दी गई है। इस तरह से टॉरंट समूह को झटका लगा है।
अदालत ने आरकैप की लेनदारों की समिति को दूसरे दौर की नीलामी के साथ आगे बढ़ने की इजाजत दी है ताकि कर्ज से लदी इस कंपनी की बिक्री से अधिकतम कीमत हासिल हो सके।
वकीलों ने कहा, सीओसी की आज ही बैठक होगी और नीलामी प्रक्रिया 29 मार्च को होगी। इस मसले पर अगस्त में दोबारा सुनवाई होगी।
NCLT ने 2 मार्च को दिवालिया वित्तीय फर्म आरकैप की परिसंपत्तियों की एक बार फिर बोली मंगाने की इजाजत दी थी।
यह कदम दो बोलीदाताओं हिंदुजा समूह व अहमदाबाद के टॉरंट समूह से बेहतर पेशकश हासिल करने में भारतीय लेनदारों की मदद के लिहाज से उठाया गया। टॉरंट ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अपील ट्रिब्यूनल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सीओसी की वाणिज्यिक समझदारी सबसे ऊपर है और इस तरह से एनसीएलटी के आदेश को दरकिनार कर दिया।
टॉरंट ने दूसरे दौर की नीलामी पर रोक लगाने के लिए एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था जब उसकी 8,640 करोड़ रुपये की बोली सबसे ज्यादा पाई गई। हिंदुजा ने नीलामी समाप्त होने के बाद 9,000 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
एनसीएलटी में टॉरंट के हक में फैसला आने के बाद लेनदारों ने NCLT का दरवाजा खटखटाया था।