कैलरॉक-जालान कंसोर्टियम जेट एयरवेज के लिए ऑपरेटिंग परमिट फिर से हासिल करने की खातिर इंजीनियरिंग व ऑपरेशंस में अपने अहम अधिकारियों की टीम को लगा रहा है। जेट का परिचालन अप्रैल 2019 में बंद हो गया था और अब इसका ऑपरेटिंग परमिट वैध नहीं है। विमानन कंपनी के नए प्रबंधन को इंजीनियरिंग, विमान सुरक्षा, परिचालन आदि में अहम अधिकारियों को तैनात करना होगा। साथ ही परिचालन शुरू करने की अनुमति मिलने से पहले उन्हें नियामकीय जांच का भी सामना करना होगा।
बोर्ड के नए सदस्यों के लिए मंजूरी देने और शेयरधारकों की जांच भी सरकार करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रभावी नियंत्रण भारतीय प्रवर्तकों के पास है। कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज के पूर्व परिचालन प्रमुख सुधीर गौड़ और परिचालन के स्तर पर अन्य भूमिकाओं के लिए अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम छांटे हैं। जेट एयरवेज के बंद होने के बाद गौड़ नेपाल एयरलाइंस में काम कर रहे हैं।
जेट एयरवेज की दिवालिया प्रक्रिया के तहत समाधान योजना को मंजूरी मिल चुकी है और बैंकों, कंसोर्टियम व रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल आशिष छाउछरिया के प्रतिनिधित्व वाली निगरानी समिति अगले 90 दिन तक कंपनी के कामकाज पर नजर रखेगी। एयरपोर्ट व सभी आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत की जिम्मेदारी कंसोर्टियम की होगी, समिति अभी एक तरह से बोर्ड के तौर पर काम करेगी और कंपनी के सभी कामकाज व अनुपालन पर नजर रखेगी।
विमानन कंपनी का नया निदेशक मंडल प्रभावी तारीख से कामकाज शुरू करेगा, जो मंगलवार के आदेश पारित होने के 90 दिन के भीतर होगा। साथ ही कंसोर्टियम को 100 करोड़ रुपये परफॉर्मेंस बैंंक गारंटी देनी होगी और अन्य शर्तें पूरी करनी होगी।
साल 2019 में जब जेट बंद हुई थी तब उसके पास करीब 9,000 कर्मचारी थे। अभी उसके पास 3,000 से ज्यादा कर्मी हैं, जिसमें परिसंपत्ति को सुरक्षित रखने वाले 175 लोग शामिल हैं। इनमें इंजीनियर, टेक्निशियन व वरिष्ठ अधिकारी मसलन मुख्य रणनीति अधिकारी राजेश प्रसाद, कानूनी प्रमुख गौतम आचार्य शामिल हैं, जो इस विमानन कंपनी को पटरी पर लाने के लिए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के साथ काम कर रहे हैं। समाधान योजना के तहत कंसोर्टियम ने ग्राउंड हैंडलिंग सहायक एजीएसएल को कर्मचारियों के स्थानांतरण और विमानन कंपनी में करीब 50 कर्मियों को बनाए रखने का प्रस्ताव रखा है। योजना के मुताबिक कर्मचारियों को कंपनी की 0.5 फीसदी हिस्सेदारी भी मिलेगी। इन मामलों में ट्रिब्यूनल के फैसले की जानकारी नहीं है।
विमानन कंपनी के साथ पहले दिन से ही जुड़ी रही कैप्टन सोनिका छाबड़ा ने कहा, पिछले दो साल से कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं। हम एक बार फिर जल्द जेट की उड़ान भरने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और प्रशिक्षण की शुरुआत इस दिशा में पहला कदम होगा।