इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों ने चिंता जताई है कि वित्त वर्ष 25 के लिए 1 अक्टूबर से शुरू की गई पीएम ई ड्राइव योजना की सब्सिडी के लिए निर्धारित बजट अगले साल फरवरी के मध्य में खत्म हो जाएगा। इससे उन्हें या तो वित्त वर्ष के अंत में सब्सिडी लागत उठाने या आने वाले महीने में कीमतें बढ़ाने अथवा उत्पादन कम करना पड़ेगा और इन सबसे बिक्री प्रभावित होगी।
कंपनियां यह मसला भारी उद्योग मंत्रालय के सामने उठाने और मार्च 2025 में सब्सिडी जारी रखने और दोपहिया वाहनों के लिए पीएम ई ड्राइव योजना के दूसरे वर्ष के बजट के साथ इसे समायोजित करने का सुझाव देने की योजना बना रही हैं। भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 25 में सब्सिडी वाले (पहले की ईएमपीएस योजना और पीएम ई ड्राइव योजना दोनों के जरिये) इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 10.64 लाख है और 5 नवंबर की अधिसूचना के अनुसार पहले ही 5,71,441 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचे जा चुके हैं।
‘वाहन’ के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अब तक पंजीकरण की कुल संख्या 6,76,581 तक पहुंच चुकी है। (बिक्री की संख्या तो और ज्यादा होगी)। एक दोपहिया वाहन कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि नवंबर से बिक्री में होने वाली वृद्धि, जो एक लाख से ज्यादा हो चुकी है, वह अगले चार महीनों में जारी रहेगी और हम अगले साल फरवरी के मध्य तक भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य पार कर लेंगे। इसलिए मार्च के लिए कोई सब्सिडी उपलब्ध नहीं होगी।’
दो साल की सब्सिडी वाली योजना पीएम ई ड्राइव में कुल 10,900 करोड़ रुपये में से 1,772 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सब्सिडी के रूप में रखे गए हैं, जो दो साल में 24.9 लाख वाहनों के लिए सीमित है।