सिप्ला ने डायबिटीज वाले वयस्कों के लिए इनहेल(सांस के जरिये ली जाने वाली) करने वाली इंसुलिन अफ्रेजा लॉन्च करने का ऐलान किया है। इससे यह भारत में व्यावसायिक रूप से पेश किया जाने वाला पहला ऐसा उपचार बन गया है। कंपनी ने कहा कि उसे पिछले साल के आखिर में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से अफ्रेजा के खास वितरण और विपण के लिए नियामकीय मंजूरी मिली थी जो मुंह से सांस के जरिये ली जाने वाली तेज असरदार इंसुलिन है। सिप्ला ने कहा कि उम्मीद है कि यह दवा ऐसे देश में इंसुलिन उपलब्ध कराने की जरूरतों को पूरा करेगी, जहां अनुमानित 10 करोड़ वयस्क डायबिटीज मेलिटस से पीड़ित हैं।
अफ्रेजा का विनिर्माण अमेरिका की मैनकाइंड कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाता है और इसकी आपूर्ति एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले कार्ट्रिज में की जाती है, जिसे हाथ से पकड़े जाने वाले इनहेलर उपकरण के जरिए लिया जाता है। कंपनी के अनुसार इंसुलिन सांस लेने के बाद तेजी से घुल जाता है और लगभग 12 मिनट के भीतर ब्लड ग्लूकोज कम करना शुरू कर देता है। इस उपचार की शुरुआत आम तौर पर दिन के बड़े भोजन के साथ की जाती है और क्लीनिकल जरूरतों के आधार पर इसे व्यवस्थित किया जा सकता है।
सिप्ला ने कहा कि इनहेल वाले फॉर्मूलेशन को टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले वयस्कों के लिए इंजेक्टेबल प्रैंडियल इंसुलिन के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया है कि इंजेक्शन से जुड़ी चिंताएं, इलाज की जटिलता और व्यवहार संबंधी वजहें अक्सर इंसुलिन उपचार शुरू करने में देरी या उसे बंद करने का कारण बनती हैं।
इसकी लॉन्चिंग पर टिप्पणी करते हुए सिप्ला के वैश्विक मुख्य परिचालन अधिकारी अचिन गुप्ता ने कहा कि अफ्रेजा की शुरुआत से भारत में कंपनी के डायबिटीज पोर्टफोलियो में एक और इलाज का विकल्प जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि सिप्ला दवा की उपलब्धता को पूरे बाजारों में सुनिश्चित करने के लिए अपने वितरण नेटवर्क का लाभ उठाएगी।