भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने राज्य सरकारों से कोविड-19 की वजह से आर्थिक गतिविधियों पर लगाई गई पाबंदी हटाने का अनुरोध किया है। सीआईआई का कहना है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के दौरान हालात अधिक नहीं बिगड़े हैं और अस्पतालों में इस वायरस से संक्रमित लोगों के भर्ती होने की दर भी अधिक नहीं है। सीआईआई ने कहा है कि इसे ध्यान में रखते हुए आर्थिक गतिविधियों पर लगी पाबंदी हटाई जा सकती है।
देश के उद्योग समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली इस संस्था ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि अस्पतालों में कोविड संक्रमण से ग्रसित लोगों के भर्ती होने की दर 75 प्रतिशत से अधिक होने पर ही माइक्रो कंटनेमेंट जोन बनाकर पाबंदियां लगाई जानी चाहिए।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि हालात इस स्तर तक पहुंचने से पहले तक सामान्य आर्थिक गतिविधियों पर किसी तरह की रोक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा सामाजिक समारोह जैसे बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने, खेल, मनोरंजन, सैर-सपाटे सहित ऐसी अन्य गतिविधियों पर पाबंदी लगनी चाहिए ताकि ओमीक्रोन स्वरूप का प्रसार थम जाए।
सीआईआई के अध्यक्ष टी वी नरेंद्रन ने कहा, ‘तीसरी लहर में अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर कम है और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष दबाव नहीं पड़ा है। इसे देखते हुए सीआईआई का मानना है कि कोविड-19 संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए लगाई गई पाबंदियां हटाई जा सकती हैं। कोविड के नए स्वरूप ओमीक्रोन के आने के बावजूद अस्पताल में मरीजों की संख्या कम हैं इसलिए सामान्य आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं। इससे लोगों की आर्थिक कठिनाइयां भी कम हो जाएंगी।’
सीआईआई ने कहा है कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन में पाबंदियों का स्तर निर्धारित करने के लिए टीकाकरण की दर, अस्पतालों में लोगों के भर्ती होने की दर और लोगों में विकसित प्रतिरोधी क्षमता आधार बनाए जा सकते हैं। सीआईआई ने कहा, ‘माइक्रो कंटेनमेंट जोन में भी सुरक्षा एवं सावधनियां बरत कर सभी संयंत्रां में काम करने की इजाजत दी जा सकती है। सेवाओं एवं आर्थिक गतिविधियों को आवश्यक एवं गैर-आवश्यक सेवाओं में विभाजित नहीं किया जाना चाहिए।
इस महीने के शुरू से देश में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के आने के बाद संक्रमण दर में और तेजी आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 23 जनवरी को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 3.33 लाख नए मामले दर्ज किए गए। देश के कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने तेजी से बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने के लिए आर्थिग गतिविधियों पर कुछ पाबंदियां लगा दी हैं।
सीआईआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए पेश केंद्रीय बजट में देश की अर्थव्यवस्था की सेहत में तेजी से सुधार लाने के उपायों पर जोर दिया जा सकता है। उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाली इस संस्था ने कहा कि लोगों को सरकार प्रीकाउशनरी डोज लगाने के लिए उद्योग जगत को सामाजिक निगमित उत्तरदायित्व के तहत रकम का प्रावधान करने के लिए प्रोत्साहित करे। सीआईआई ने कहा कि देश का उद्योग जगत टीकाकरण अभियान के लिए सीएसआर प्रावधानों के तहत अतिरिक्त 1 प्रतिशत रकम देने के लिए तैयार है।
नरेंद्रन ने यह भी कहा कि नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और गति शक्ति कार्यक्रम के तहत आने वाले निवेश की प्रक्रिया तेज की जानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि बजट में इसके लिए प्रावधान किए जाएंगे। नरेंद्रन ने कहा कि अगर आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी जारी रहती तो इन परियोजनाओं पर असर होगा।
