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मुश्किल हुआ चीन का कोयला क्षेत्र में निवेश

Last Updated- December 15, 2022 | 3:46 AM IST

कोयला नीलामी में चीनी कोयला खनन कंपनियों को दूर रखने के लिए सरकार हरकत में आ गई है। कोयला मंत्रालय ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर एक नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि वाणिज्यिक कोयले की नीलामी में भारत के किसी भी पड़ोसी देश से एफडीआई निवेश से पहले भारत सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
केंद्र सरकार ने कोयला खनन गतिविधियों के लिए स्वत: मार्ग से 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी थी जिसमें संबंधित प्रक्रियात्मक ढांचा भी शामिल है।
कोयला मंत्रालय ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अप्रैल में घोषित एफडीआई नीति में संशोधन किया गया है जिसके तहत भारत जिन देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है, उन्हें इस नीति से बाहर कर दिया गया है।
वाणिज्यिक कोयला नीलामी के लिए कोयला मंत्रालय की ओर से जारी शुद्धिपत्र में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार की ओर से जारी 2020 की तीसरी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि एफडीआई नीति में और संशोधन किया गया है। इसके तहत भारत से सीमा साझा करने वाले देशों की कंपनी से एफडीआई आने या भारत में ऐसा एफडीआई जिसका लाभार्थी मालिक उक्त देशों में है या उन देशों का नागरिक है तो इसके लिए भारत सरकार की पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होगी।’ 
सरकार का यह कदम भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद बढ़े तनाव के बीच भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में चीनी कंपनियों को रोकने का प्रयास है।
पिछले महीने सरकार ने प्रतिरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर संबंधित प्राधिकरणों से मंजूरी लिए बिना सरकारी खरीद के लिए लगाई जाने वाली बोली में हिस्सा लेने से चीनी कंपनियों को रोक दिया था।
चाइना शिन्हुआ या चाइना कोल एनर्जी जैसी चीनी खनन कंपनियां दुनिया की 10 सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनियों में शुमार हैं। 
केंद्र सरकार ने जून में वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी और निजी कंपनियों द्वारा बिक्री शुरू की थी। विदेशी कंपनियों, गैर खनन कंपनियों और बड़ी खनन कंपनियों को आकर्षित करने के लिए बोली की शर्तों को उदार बनाया गया था। सरकार ने मई 2020 में कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम, 2015 में संशोधन कर नीलामी की प्रक्रिया को आसान कर दिया था, ताकि भारी संख्या में निवेशकों की रुचि आकर्षित की जाए।  
कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने एक हालिया वक्तव्य में कहा, ‘100 फीसदी एफडीआई हमारे समय का सबसे बड़ा सुधार है। देश में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आने से भारत में कोयला का एक प्रभावी और प्रतिस्पर्धी बाजार तैयार होगा।’
कोयला मंत्रालय ने 41 कोयला ब्लॉकों के साथ वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। 41 खदानों से खदान वाले राज्यों को संचयी तौर पर सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। निविदा दस्तावेज की बिक्री की अंतिम तिथि 14 अगस्त और बोली जमा कराने की अंतिम तिथि 18 अगस्त है। हालांकि, 30 जुलाई के नोटिस में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने के निवेशकों के अनुरोध पर विचार कर रहा है।

First Published - August 5, 2020 | 12:09 AM IST

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