पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने आज कहा कि डिजिटल पेमेंट कंपनी अब अपने मुख्य कारोबार यानी क्रॉस सेलिंग पर ध्यान देगी क्योंकि कंपनी जल्द लाभप्रदता बनना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘मुख्य भुगतान कारोबार पर प्रतिबद्धता के साथ हम जल्द ही कर पश्चात मुनाफा लाभप्रदता हासिल करना चाहते हैं।’ इसके अलावा उन्होंने उल्लेख किया कि कंपनी अनुपालन पर ध्यान देगी और हर नियम का अक्षरशः पालन किया जाएगा।
कंपनी की सालाना आम बैठक में शर्मा ने कहा, ‘बीते छह महीने ने हमें काफी कुछ सिखाया है, जिससे हमें अपनी कारोबारी प्रक्रियाओं, अनुपालन और अंदर से बाहर तक अपने काम करने के तरीके का पूरी तरह से जांच करने का भी मौका मिला है। मैं अब पूरे भरोसे के साथ आश्वस्त कर सकता हूं कि हमने अब अनुपालन आधारित नजरिया अपनाया है। यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारा कारोबार हर नियम का अक्षरशः पालन किया जाएगा।’
विजय शेखर शर्मा ने यह भी दोहराया कि सही समय आने पर पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए पेटीएम एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक को आवेदन देगा। कंपनी को हाल ही में भारत सरकार से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए मंजूरी मिली है।
शर्मा ने उल्लेख किया गया पेटीएम टीम पहले से ही प्रौद्योगिकी, उत्पाद, कारोबार और परिचालन जैसे अपने सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘इनमें से कुछ प्रौद्योगिकी इतनी उन्नत है कि वे संभावित तौर पर अपने बूते पूरा कारोबार खड़ा कर सकती हैं। मगर हम अपने मुख्य भुगतान कारोबार और क्रॉस सेलिंग वित्तीय सेवाओं पर ही ध्यान दे रहे हैं।’
शर्मा ने यह भी कहा कि पेटीएम का लक्ष्य देश भर में 10 करोड़ व्यापारियों तक पहुंचने का है। फिलहाल, कंपनी 4 करोड़ व्यापारियों को सेवा दे रही है। उन्होंने कहा, ‘कंपनी की रणनीतिक पहलों में ऋण, बीमा और म्युचुअल फंड जैसी वित्तीय सेवाओं के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ लेना है, जिससे इसकी बाजार में पहुंच बढ़ेगी और वित्तीय समावेशन को भी बल मिलेगा।’
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर प्रतिबंध लगे रहने के कारण पहली तिमाही में पेटीएम ने 839 करोड़ रुपये का घाटा होने की जानकारी दी थी। नोएडा की इस फिनटेक कंपनी का घाटा भुगतान और वित्तीय सेवा कारोबार से राजस्व में कमी के कारण हुआ। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी की कुल आय भी एक साल पहले के मुकाबले 33.5 फीसदी कम होकर 1,639.1 करोड़ रुपये थी।