दोपहिया वाहन बनाने वाली पुरानी कंपनियों को सीधी चुनौती देते हुए ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) भवीश अग्रवाल ने पेट्रोल इंजन वाले स्कूटर बनाना बंद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल इंजन वाले स्कूटर बनाने के बजाय उन्हें ग्राहकों के लिए ज्यादा सार्थक और गुणवत्ता भरे स्कूटर बनाने चाहिए।
ओला ने स्वतंत्रता दिवस पर अलग-अलग कीमत वाले चार नए ई-स्कूटर बाजार में उतारे। साथ ही उसने ई-बाइक के चार मॉडल भी दिखाए, जिन्हें अगले साल के अंत तक पेश किया जाएगा। उसके बाद ओला इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में पुरानी कंपनियों के मुकाबले बहुत मजबूत मुकाम हासिल कर लेगी।
अग्रवाल ने कहा, ‘पुरानी दोपहिया कंपनियों को अब पेट्रोल इंजन वाले स्कूटर बनाना बंद कर देना चाहिए। उन्हें अपने ग्राहकों के लिए ज्यादा सार्थक और गुणवत्ता भरे दोपहिया बनाने में निवेश करना चाहिए।’
जब अग्रवाल से पूछा गया कि उनके नए इलेक्ट्रिक स्कूटर क्या 100 CC से 150 CC पेट्रोल इंजन वाले स्कूटर ग्राहकों को ई-स्कूटर की ओर खींचने के लिहाज से बनाए गए हैं तो उन्होंने कहा, ‘जो लोग इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार को पेट्रोल वाहनों के चश्मे से देखते हैं, वे अतीत में ही फंसे हैं। इलेक्ट्रिक बाजार काफी अलग है।’
इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में ओला की हिस्सेदारी जुलाई में 37 फीसदी से अधिक थी और वह पहले से ही इस बाजार की अव्वल नंबर कंपनी है। उद्योग ने 2022 में लगभग 7 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचे थे। सरकार का लक्ष्य इस साल 24 लाख के आंकड़े तक पहुंचने का है। मगर फेम2 सब्सिडी पर अनिश्चितता के कारण वित्त वर्ष 2024 का लक्ष्य शायद ही हासिल हो सके।
अग्रवाल ने कहा कि चार नए इलेक्ट्रिक स्कूटर उतारकर ओला ने पेट्रोल स्कूटरों का जमाना खत्म करने में अपने हिस्से का काम कर दिया है। कंपनी ने कहा था कि 2025 तक पेट्रोल दोपहिया खत्म हो जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अब 80,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक के पांच मॉडल मौजूद हैं। इसलिए हर कीमत के स्कूटर हमारे पास हैं। मुझे यकीन है कि नए मॉडल आने के बाद अब ग्राहकों के पास पेट्रोल स्कूटर खरीदने की कोई वजह नहीं रह जाएगी।’
अग्रवाल ने यह भी कहा कि पेट्रोल स्कूटर बनाने वाली कंपनियों को ओला के 1,000 से अधिक आउटलेट्स पर जाना चाहिए और देखना चाहिए कि ग्राहकों की पसंद किस तरह बदल चुकी है।
अग्रवाल से जब पूछा गया कि अब भी इतने कम ई-स्कूटर क्यों बिक रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘तस्वीर बदल जाएगी। ये पांच स्कूटर आने से हमें बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि अब हमारे पास हर कीमत का ई-वाहन है। हम पहले ही अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 10 लाख कर चुके हैं और इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 20 लाख कर लेंगे।’
अग्रवाल ने यह भी बताया कि सेल बैटरी तकनीक और उसमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर नियंत्रण उनकी रणनीति का अहम हिस्सा रहा है। फास्ट चार्जिंग, रेंज, वाहन का वजन उसी पर निर्भर करते हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘हमने स्वतंत्रता दिवस पर अपनी सेल बैटरी दिखाई है और इसका उत्पादन जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। अगले साल के मध्य तक ये वाहनों में इस्तेमाल के लिए मिलने लगेंगी। हमें उम्मीद है कि इससे उत्पादन लागत 30-40 फीसदी घट जाएगी।’