भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को अपने सवालों पर बिड़ला ओपस और एशियन पेंट्स दोनों की ही टिप्पणियां मिली हैं। अगले कुछ दिनों में उसके यह फैसला लिए जाने की संभावना है कि क्या एशियन पेंट्स के खिलाफ दबदबे वाली स्थिति के दुरुपयोग के मामले में जांच शुरू की जाए, जिसका आरोप आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी औपृर उसकी उसकी प्रतिस्पर्धी बिड़ला ओपस ने लगाया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने कहा कि एकाधिकारी व्यापार विरोधी नियामक को पिछले साल नवंबर में आदित्य बिड़ला समूह के पेंट उद्यम से शिकायत मिली थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि एशियन पेंट्स, जो 53 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार में सबसे आगे है, प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार और रोक-बहिष्कार संबंधी कवायद में शामिल है।
एशियन पेंट्स पर लगाए गए आरोपों में डीलरों को ग्रासिम के बिड़ला ओपस के साथ व्यापार करने से रोकना शामिल है। ग्रासिम आदित्य बिड़ला समूह की प्रमुख कंपनी है। यह भी आरोप लगाया गया था कि एशियन पेंट्स ने कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं पर बिड़ला ओपस को आपूर्ति करने से मना करने या दामों में भेदभाव करने का दबाव डाला था। एशियन पेंट्स ने ईमेल जवाब में कहा कि फिलहाल उसे कोई टिप्पणी नहीं करनी है जबकि बिड़ला ओपस ने खबर लिखे जाने तक बिजनेस स्टैंडर्ड के सवाल का जवाब नहीं दिया।
यह पहली बार नहीं है कि सीसीआई को एशियन पेंट्स के खिलाफ शिकायत मिली है। साल 2019 में जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने यह आरोप लगाते हुए सीसीआई में शिकायत की थी कि अपने डेकोरेटिव पेंट कारोबार की शुरुआत के तुरंत बाद एशियन पेंट्स ने उन डीलरों पर दबाव डालना शुरू कर दिया था जो जेएसडब्ल्यू पेंट्स के डेकोरेटिव पेंट का स्टॉक और प्रदर्शन करने के लिए सहमत हो गए थे।