करीब चार महीने बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लंबित 20 विलय सौदों (merger deals) पर निर्णय लेने के लिए गुरुवार को अपने सदस्यों की बैठक आयोजित करने की संभावना है। सभी सीसीआई सदस्यों की सर्वसम्मति के अभाव की वजह से इन आवेदनों पर निर्णय में विलंब हुआ था।
हालांकि कानून मंत्रालय ने कंपनी मामलों के मंत्रालय को सुझाव दिया है कि सीसीआई तीन सदस्यीय आयोग की पूर्ण सहमति के बगैर भी लंबित आवेदनों पर निर्णय लेने के लिए आवश्यकता के सिद्धांत को अपना सकता है। अपने पूर्व अध्यक्ष अशोक गुप्ता के सेवानिवृत होने के बाद सीसीआई में सिर्फ दो सदस्य बचे हैं।
कानून मंत्रालय का सुझाव विभिन्न उद्योग संस्थाओं द्वारा इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाए जाने की पृष्ठभूमि में सामने आया है। सरकार को इससे अवगत कराया गया है कि सीसीआई की ओर से हुए विलंब से हजारों करोड़ रुपये के सौदे अधर में लटके हुए हैं।
कुछ लंबित सौदों में Ardor Holding Pte और Hero Future Global Energies, AGI Greenpack और Hindustan National Glass; Megha Engineering and Infrastructure और Lanco Anpara Power; Cummins and Meritor; Dalmia Cement और Jaiprakash Associates के कुछ खास व्यवसाय शामिल हैं। लंबित सौदों में एक प्रमुख वैश्विक सौदा है जिसे 11 क्षेत्राधिकारों में मंजूरियां मिली हैं और उसे सिर्फ सीसीआई की मंजूरी का इंतजार है। करीब 10 लंबित सौदे विदेशी उद्यम से जुड़े हुए हैं।