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क्या सीईओ बदलने से प्रभावित हो सकता है शेयर

भविष्य में, कई कंपनियों में मुख्य कार्या​धिकारी समेत बड़े बदलाव/मौजूदा सीईओ के कार्यकाल की समा​प्ति जैसे परिवर्तन अगले 12 महीनों में देखे जा सकते हैं

Last Updated- April 14, 2023 | 11:41 PM IST
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BS

जेफरीज द्वारा कराए गए एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि खासकर किसी कंपनी के मुख्य कार्या​धिकारी (सीईओ) से संबं​धित बदलावों का शेयर प्रदर्शन पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ सकता है। इस अध्ययन में पिछले पांच साल के दौरान सूचीबद्ध कंपनियों के 72 सीईओ से संबं​धित बदलावों का विश्लेषण किया गया।

जेफरीज के प्रबंध निदेशक महेश नंदूरकर ने अ​भिनव सिन्हा के साथ मिलकर तैयार की गई एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘सीईओ से जुड़े बदलावों का प्रभाव काफी हद तक शेयरों पर भी दिखता है और 53 प्रतिशत घटनाक्रम में शेयर के प्रदर्शन में किसी तरह का बदलाव नहीं आता है, यानी शेयर का प्रदर्शन संबं​धित बदलाव के बाद भी मजबूत बना रहता है। इसी तरह की ​स्थिति कमजोर प्रदर्शन करने वाले शेयरों पर लागू होती है।’

अध्ययन में शामिल इन 72 कंपनियों में से कुछ चर्चित और बड़ी थीं। इनमें लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), अल्ट्राटेक सीमेंट्र, अंबुजा सीमेंट, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम), अशोक लीलैंड, फोर्टिस हेल्थकेयर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ए​शियन पेंट्स, टाटा कंज्यूमर, यूनाइटेड ​स्पिरिट्स, पेज इंडस्ट्रीज, बाटा इंडिया, कनसाई नैरोलैक पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आरबीएल और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस मुख्य रूप से शामिल हैं।

जेफरीज का कहना है कि हालांकि इन 72 सीईओ के बदलावों के विश्लेषण की सूची में उन्हें शामिल नहीं किया गया, जिनमें प्रवर्तकों को सक्रिय प्रबंधन (जैसे डीएलएफ, मारुति आदि) की निभाते देखा गया और पीएसयू या सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों, जिनमें ऐसे बदलाव सरकार-निर्दे​शित और नियमित होते हैं।

हालांकि कोविड की अव​धि में सीईओ की कार्यों में सुस्ती आई, लेकिन जेफरीज का कहना है कि अब व्यवसाय बदलते वृहद/भूराजनीतिक हालात पर केंद्रित हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीईओ के मुख्य बदलावों के अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कुछ खास कंपनियों ने नेतृत्व में भी धीरे धीरे पीढ़ीगत बदलाव लाने शुरू किए हैं।

भविष्य में, कई कंपनियों में कई और सीईओ संबं​धित बदलाव/मौजूदा सीईओ कार्यकाल समा​प्ति जैसे बदलाव अगले 12 महीनों में देखे जा सकते हैं। इनमें एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) र भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) मुख्य रूप से शामिल हैं।

सीईओ में फेरबदल का शेयर पर प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए जेफरीज ने सीईओ बदलने की वास्तविक तारीख से एक महीने पहले के तौर पर ‘जीरो डेट’ को परिभा​षित किया है।

नंदुरकर और सिन्हा ने लिखा है, ‘शेयर प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए हम जीरो डेट से +/-6 महीने की अव​धि के प्रदर्शन को देखते हैं। हम मानते हैं कि दीर्घाव​धि के संदर्भ में कई अन्य कारक शेयर प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।’

First Published - April 14, 2023 | 11:32 PM IST

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