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BCCI को जल्द पैसा चुकाएगी बैजूस

बीसीसीआई ने एनसीएलएटी को बताया कि एडटेक फर्म बैजूस के संस्थापक बैजू रवींद्रन के साथ समझौते पर बातचीत चल रही है और समझौते की संभावना है।

Last Updated- July 30, 2024 | 11:07 PM IST
Court rejects NCLAT order stopping bankruptcy proceedings against Byju's न्यायालय ने Byju's के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रोकने वाले NCLAT के आदेश को किया खारिज

एडटेक कंपनी बैजूस के संस्थापक बैजू रवींद्रन जल्द ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का बकाया चुकाने के करीब हैं। उनके वकील ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) को यह जानकारी दी।

बीसीसीआई ने मंगलवार को बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न के साथ विवाद में सुनवाई को एक दिन टालने का अनुरोध किया। बीसीसीआई ने एनसीएलएटी को बताया कि एडटेक फर्म बैजूस के संस्थापक बैजू रवींद्रन के साथ समझौते पर बातचीत चल रही है और समझौते की संभावना है।

बीसीसीआई की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ बातचीत चल रही है और अनरोध किया कि सुनवाई बुधवार 31 जुलाई तक स्थगित कर दी जाए। लॉ प्लेटफॉर्म बार ऐंड बेंच के मुताबिक सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि बीसीसीआई यह देखने के लिए वक्त चाहता है कि इस बातचीत से क्या कुछ सार्थक निकलता है।

सूत्रों के मुताबिक बकाया रकम का भुगतान कुछ किस्तों में किए जाने की उम्मीद है। रवींद्रन ने थिंक ऐंड लर्न के खिलाफ एनसीएलटी, बेंगलूरु की दिवालिया कार्यवाही को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। बार ऐंड बेंच के मुताबिक बैजूस के अमेरिकी ऋणदाता की ओर पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी इस स्थगन के लिए राजी हुए मगर उन्होंने कहा कि अपील अधिकरण को यह ध्यान रखना चाहिए कि बीसीसीआई और रवींद्रन के बीच समझौता होने पर उनके मुवक्किल के मामले में पूर्वग्रह नहीं होना चाहिए। उसके बाद पीठ ने 31 जुलाई तक सुनवाई स्थगित कर दी।

16 जुलाई को राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण ने 158.90 करोड़ रुपये के बकाये के लिए बीसीसीआई की याचिका पर बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न को कॉरपोरेट ऋणशोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में शामिल कर दिया था। एनसीएलटी के आदेश के कारण रवींद्रन ने तत्काल कंपनी से नियंत्रण खो दिया। अधिकरण ने कार्यवाही के दौरान रोजाना के कार्यों की निगरानी के लिए समाधान पेशेवर नियुक्त किया। 23 जुलाई को रवींद्रन ने इस मामले में तुरंत सुनवाई के लिए एनसीएलएटी का रुख किया था।

First Published - July 30, 2024 | 10:34 PM IST

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