प्रमुख एडटेक कंपनी बैजूस ने अपने मौजूदा निवेशकों से 25 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। कंपनी की नजर मार्च 2023 तक लाभप्रद होने पर है। सूत्रों का कहना है कि बैजूस का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर पर बरकरार है और इस वित्त पोषण से मूल्यांकन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस दौर में निवेश करने वाले मौजूदा निवेशकों में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी भी शामिल हैं।
बैजूस ने सुमेरु वेंचर्स, विट्रुवियन पार्टनर्स, ब्लैकरॉक, चान-जुकरबर्ग इनिशिएटिव, सिकोया, सिल्वर लेक, बॉन्ड, टेनसेंट, जनरल अटलांटिक, टाइगर ग्लोबल और कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे निवेशकों से कुल 5.5 अरब डॉलर जुटाए हैं। कंपनी के पास 15 करोड़ से अधिक छात्र मौजूद हैं।
बैजूस के संस्थापक एवं सीईओ बैजू रवींद्रन ने कहा, ‘बैजूस अब अपनी विकास यात्रा में अच्छे चरण में है जहां यूनिट इकनॉमिक्स और इकनॉमिक्स ऑफ स्केल दोनों उसके पक्ष में हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब साफ है कि अब हम अपने कारोबार में जो निवेश करेंगे उसका नतीजा लाभप्रद वृद्धि और स्थायी सामाजिक प्रभाव के रूप में दिखेगा।’
विपरीत वृहत आर्थिक परिदृश्य के बावजूद रवींद्रन ने कहा कि राजस्व, वृद्धि और लाभप्रदता के लिहाज से 2022-23 बेहतरीन वर्ष साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रतिष्ठित निवेशकों के निरंतर सहयोग से भरोसे की पुष्टि होती है और यह लाभप्रदता के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त करता है।’
बैजूस ने ऐसे समय में रकम जुटाई है जब उसने वित्त वर्ष 2021 के लिए काफी घाटा दर्ज किया है। कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 4,588 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है जो एक साल पहले के मुकाबले 19 गुना अधिक है। इससे पहले कंपनी का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर था और वित्त वर्ष 2021 में उसने 2,428 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। वित्त वर्ष 2020 में उसका समायोजित राजस्व 2,511 करोड़ रुपये और समायोजित घाटा 300 करोड़ रुपये रहा था।
बैजूस अब करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है जो उसके कुल कार्यबल का करीब 5 फीसदी है। भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कंपनी ने वित्त पोषण में सुस्ती और भारी नुकसान को देखते हुए यह पहल की है।
कंपनी ने समूह स्तर पर मार्च 2023 तक लाभप्रद होने की योजना बनाई है। इसके लिए उसने एक त्रिआयामी रणनीति भी बनाई है। इसके तहत वह भारत में अपनी सभी सहायक कंपनियों को एक इकाई के तहत लाते हुए सुदृढीकरण करना चाहती है ताकि उनका बेहतर लाभ मिल सके।
आकाश एजुकेशन और ग्रेट लर्निंग स्वतंत्र इकाई के तौर पर परिचालन जारी रखेंगी। बैजूस अब विदेशी बाजारों में अपने मार्केटिंग बजट पर भी नए सिरे से गौर कर रही है। कंपनी अब कहीं अधिक कुशल एवं प्रभावी ग्राहक केंद्रित बातचीत के लिए अपनी आंतरिक सेल्स टीम की ताकत भी बढ़ा रही है।
कंपनी ने अगले छह महीनों के दौरान 10,000 शिक्षकों को नियुक्त करने की भी योजना बनाई है जिससे उसकी मौजूदा 20,000 शिक्षकों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। कंपनी वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर नियुक्ति के अलावा अपनी परिचालन ताकत भी बढ़ा रही है। इस नियुक्ति योजना से कंपनी को मार्च 2023 तक लाभप्रदता हासिल करने के लक्ष्य तक पहुंचने में भी मदद मिलेगी। बैजूस ने भारत सहित अमेरिका और लैटिन अमेरिका में नियुक्ति की योजना बनाई है।
बैजूस की सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ ने हाल में एक बातचीत में कहा था, ‘हमारे 60 से 70 फीसदी शिक्षक महिला हैं। हमने अगले छह महीनों के दौरान 10,000 अतिरिक्त शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना बनाई है।’ रवींद्रन ने हाल में कर्मचारियों से कहा था कि कंपनी लाभप्रद वृद्धि पर पहले ही ध्यान केंद्रित करना शुरू कर चुकी है।
