वैश्विक फास्ट फूड शृंखला बर्गर किंग की एक्सक्लूसिव फ्रैंचाइजी बर्गर किंग इंडिया ने 108 फीसदी की बढ़त के साथ दमदार तरीके से सूचीबद्ध हुई है। संगठित फास्ट फूड बाजार में वृद्धि की दमदार संभावनाओं और हाल के वर्षों में कंपनी के प्रदर्शन (वैश्विक महामारी से पहले) के मद्देनजर निवेशक काफी उत्साहित दिखे।
इस क्षेत्र की अन्य सूचीबद्ध कंपनियों ने उल्लेखनीय रिटर्न के साथ दमदार प्रदर्शन किया है जिससे इस आईपीओ को बल मिला। डोमिनोज पिज्जा की भारतीय फ्रैंचाइजी जुबिलैंट फूडवक्र्स ने फरवरी 2010 में सूचीबद्ध होने के बाद से अब तक 44 फीसदी की वार्षिक चक्रवृद्धि रिटर्न दर्ज की है।
संगठित त्वरित सेवा रेस्तरां (क्यूएसआर) शृंखलाओं ने वित्त वर्ष 2015 से 2020 के दौरान 19 फीसदी वार्षिक राजस्व वृद्धि दर्ज की है और विश्लेषकों का मानना है कि यही रफ्तार आगे भी बरकरार रहने के आसा हैं। उनका मानना है कि वित्त वर्ष 2020 से 2025 के दौरान वार्षिक राजस्व में 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की जा सकती है। हालांकि क्यूएसआर के लिए समग्र रुझान सकारात्मक दिख रहा है लेकिन बर्गर किंग के प्रमुख कारोबार बर्गर एवं सैंडविच के लिए स्थिति कहीं बेहतर दिख रही है। वित्त वर्ष 2015 से 2020 के दौरान पिज्जा और चिकेन आधारित उत्पादों ने 12 से 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की लेकिन बर्गर एवं सैंडविच श्रेणी में सालाना 19 फीसदी की वृद्धि दिखी।
भारत में शीर्ष शृंखलाओं के विस्तार होने के साथ ही क्यूएसआर के लिए मांग भी दमदार दिख रही है। हालांकि बर्गर किंग ने अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले देरी कारोबार शुरू किया था लेकिन वह तेजी से विस्तार कर रही है। वित्त वर्ष 2017 से 2020 के दौरान कंपनी ने अपने आउटलेट की संख्या को बढ़ाकर तिगुना कर लिया और मध्यावधि में यह रफ्तार बरकरार रहने के आसार हैं। वित्त वर्ष 2018 से 2020 के दौरान कंपनी का राजस्व भी लगभग दोगुना हो गया। दमदार पेशकश, मिलेनियल्स को लक्ष्य करने और अत्यधिक आवाजाही वाले जगहों पर आउटलेट खोलने से कंपनी के राजस्व को बल मिला। उसके मास्टर फ्रैंचाइजी समझौते में कहा गया है कि वह दिसंबर 2026 तक आउटलेट की संख्या को बढ़ाकर 700 कर लेगी जो फिलहाल करीब 270 है।
बहरहाल, विस्तार योजना के निष्पादन पर काफी कुछ निर्भर करेगा लेकिन निकट भविष्य में कोविड-19 की दूसरी लहर और संभावित पाबंदियों से कारोबार पर असर पड़ सकता है। किसी भी लॉकडाउन से कारोबारी चुनौती बढ़ जाएगी क्योंकि कुल राजस्व में डाइन-इन श्रेणी का योगदान करीब 60 फीसदी है।
दिसंबर तिमाही में कंपनी का परिचालन प्रदर्शन स्थिर रहा और वह राजस्व में 28 फीसदी की गिरावट के बावजूद परिचालन मुनाफे के मोर्चे पर न नफा न नुकसान की स्थिति हासिल करने में कामयाब रही। लंबी अवधि में वृद्धि लेकर बाजार काफी उत्साहित है लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह शेयर निकट भविष्य में भी बढ़त दर्ज करेगा।