सभी तरह की कारोबारी पहचान के लिए स्थायी खाता संख्या (PAN) के इस्तेमाल से जुड़ा कानूनी एवं कामकाजी ढांचा 2023 के केंद्रीय बजट में लाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि विभिन्न प्रकार की मंजूरी के लिए कारोबारी पहचान के एकल दस्तावेज के रूप में पैन के इस्तेमाल जुड़े निर्देश बजट में जारी हो सकते हैं।
अधिकारी के अनुसार इसके लिए वित्त अधिनियम, 2023 में अलग से प्रावधान किया जा सकता है। इससे किसी कारोबारी इकाई की प्राथमिक पहचान के रूप में कानूनी तौर पर पैन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रावधान से किसी इकाई के पैन का अन्य मौजूदा पहचान पत्रों या क्रमांकों के साथ मिलान संभव हो पाएगा। बाद में केंद्र एवं राज्यों के विभिन्न कानूनों में इसे अधिसूचित किया जाएगा।
फिलहाल केंद्र और राज्यों के स्तर पर 20 अलग-अलग पहचान दस्तावेजों का होता है इस्तेमाल
इस समय केंद्र और राज्यों के स्तर पर 20 अलग-अलग पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल होता है। इनमें जीएसटीआईएन, टीआईएन, टीएएन, ईपीएफओ, सीआईएन आदि शामिल हैं।
बजट में स्थायी खाता संख्या (PAN) के इस्तेमाल से जुड़ा कानूनी एवं कामकाजी ढांचा आता है तो यह वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त राजस्व सचिव की अध्यक्षता वाले कार्यसमूह की सिफारिश के अनुरूप ही होगा।
इस समूह ने दिसंबर के अंत में अपनी सिफारिश सौंप दी थी। कार्यसमूह के अनुसार यह काम चरणबद्ध तरीके से होना चाहिए और सबसे पहले केंद्रीय विभागों जैसे जीएसटीआईएन में इसकी शुरुआत होनी चाहिए। सभी तरह की मंजूरी, पंजीयन और लाइसेंस आदि के लिए एकमात्र दस्तावेज के रूप में पैन का इस्तेमाल शुरू करने के लिए विभागों को एक वर्ष का समय दिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘राज्य और केंद्र सरकार की प्रत्येक इकाई को सभी सेवाओं के इस्तेमाल के लिए पैन का प्रयोग करना होगा, जिसके लिए उन्हें व्यवस्था को अपडेट करने के लिए कहा जाएगा।’
ऐसा होने पर कारोबारियों पर अनुपालन संबंधी बोझ कम हो जाएगा और कारोबार करना सुगम हो जाएगा। इतना ही नहीं, इससे सरकार को सूचना साझा करने में अधिक आसानी होगी और विभिन्न एजेंसियों एवं विभागों के बीच परिचालन भी बढ़ जाएगा।