बायोकॉन बायोलॉजिक्स (बीबीएल) ने वित्त वर्ष 25 में जोरदार वृद्धि दर्ज की। यह बढ़ोतरी अमेरिका और उभरते बाजारों में बायोसिमिलर बाजार की हिस्सेदारी में वृद्धि से हुई। प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी श्रीहास तांबे ने अंजलि सिंह और अनीका चटर्जी के साथ बातचीत में कंपनी की दवा योजनाओं, इंसुलिन की रणनीति, जीएलपी-1 योजनाओं और वैश्विक मौजूदगी मजबूत करने के प्रयासों के बारे में बताया। प्रमुख अंश ..
20 करोड़ डॉलर के राजस्व वाले करीब चार बायोसिमिलर के साथ सालाना आधार पर 15 प्रतिशत राजस्व वृद्धि हासिल करना बड़ी उपलब्धि है। इससे हमारे उत्पादों में ग्राहकों के दृढ़ विश्वास और हमारे कारोबारेां के सफल एकीकरण का पता चलता है। यह वृद्धि बाजार में हिस्सेदारी बढ़ने से हुई है, विशेष रूप से अमेरिका में जहां हमारी बायोसिमिलर पेगफिलग्रास्टिम (फुलफिला) और ट्रैस्टुजुमाब (ओगिवरी) की अब क्रमशः 30 प्रतिशत और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह पिछले वर्ष की तुलना में दो गुना है। अमेरिका के अलावा हमने उभरते बाजारों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है और प्रमुख निविदाएं हासिल की हैं जिन्होंने हमारी समूची वृद्धि में योगदान दिया है।
हमारे पास 5 उत्पाद हैं। इन्हें अगले 12-18 महीनों में पेश किया जाएगा। हमने हाल में इम्यूनोलॉजी क्षेत्र में येसिंटेक पेश की है, जो अमेरिका और यूरोप दोनों में 10 अरब डॉलर वाली दवा स्टेलारा की बायोसिमिलर है। इसे हम भारत में भी लाएंगे। हमारा दूसरा उत्पाद इंसुलिन एस्पार्ट है। हमें कैलेंडर वर्ष 2025 तक इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। तीसरी दवा येसाफिली है, जो नेत्र विज्ञान में उपयोग की जाने वाली एफ्लिबरसेप्ट की बायोसिमिलर है। हम इसे जुलाई में कनाडा में पेश कर रहे हैं और साल 2026 की दूसरी छमाही में अमेरिका में पेश करने के लिए मूल निर्माता के साथ समझौता कर लिया है। हमारा चौथा उत्पाद डेनोसुमैब है। पांचवां उत्पाद बेवाकिजुमैब है।
इंसुलिन में मेक्सिको और मलेशिया हमारे लिए काफी दमदार बाजार बने हुए हैं क्योंकि हमारे पास इनकी क्रमशः 90 प्रतिशत और 60 प्रतिशत से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है। लेकिन इनके अलावा हमने अन्य देशों में भी बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। जरूरी नहीं कि ऐसा वियाट्रिस अधिग्रहण की वजह से है, क्योंकि उभरते बाजारों में हमारी पहले से ही जोरदार मौजूदगी थी। इस अधिग्रहण ने वास्तव में हमें उन बाजारों तक पहुंच प्रदान की, जहां हम पहले नहीं थे, मुख्य रूप से अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में।
हां। हालांकि अब कई लोगों की निगाह जीएलपी-1 विकास पर है। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह किसी गोली बनाने जितना सीधा नहीं है। इंसुलिन का हमारा बुनियादी ढांचा जीएलपी-1 उत्पादन के लिए अत्यधिक लचीला है। दूसरे लोगों के विपरीत, जिन्हें इन इकाइयों को बनाने के लिए निवेश की जरूरत पड़ेगी, हम पहले से ही पूरी तरह से एकीकृत हैं।