facebookmetapixel
Q2 Results: VI, Hudco, KPIT से लेकर SJVN तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग बढ़ाई, ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘ओवरवेट’ कियाGST छूट और बढ़ती मांग से जीवन बीमा कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम अक्टूबर में 12% बढ़ालेंसकार्ट का IPO उतार-चढ़ाव भरा, शुरुआती कारोबार में मामूली बढ़त के साथ बंदअक्टूबर में स्वास्थ्य बीमा में रिकॉर्ड 38% उछाल, खुदरा योजनाओं और GST कटौती से प्रीमियम में आई तेजीत्योहारी सीजन में क्रेडिट कार्ड से खर्च में आई 15% की तेजी, HDFC और ICICI Bank रहे शीर्ष परHNI को अच्छे लाभ की चाहत, पोर्टफोलियो मैनेजरों की तलाश में अमीरदेश में घटी बेरोजगारी दर, श्रम बाजार में आई तेजी से रोजगार के नए अवसरों में हुआ इजाफाकेंद्रीय बजट 2026-27 पर निर्मला सीतारमण ने अर्थशास्त्रियों से की अहम बैठकEditorial: न्यायालय के भरोसे न रहें, भारत समेत कई देशों में हलचल

मुंबई हवाईअड्डे पर कोर्ट पहुंची बिडवेस्ट

Last Updated- December 15, 2022 | 4:32 AM IST

दक्षिण अफ्रीका की कंपनी बिडवेस्ट ने इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), कनाडा के पेंशन इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीएसपी), अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और जीवीके ग्रुप के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर की है। मुंबई हवाईअड्डे में हिस्सेदारी रखने वाली बिडवेस्ट ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में जीवीके और नए निवेशकों के बीच हुए समझौतों से मुंबई हवाईअड्डे के शेयरधारिता प्रारूप में बदलाव आ जाएगा। कंपनी ने कहा इन समझौतों से किसी तरह की पेशकश पर पहले निर्णय लेने के उसके अधिकार का भी उल्लंघन होगा।
कंपनी ने एनआईआईएफ और अन्य के खिलाफ सोमवार को उच्च न्यायालय में अपील दायर की। बिडवेस्ट ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब केंद्र सरकार देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। बिडवेस्ट पिछले वर्ष जनवरी से ही मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (मायल) में अपनी 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने कहा कि जीवीके की तरफ से दायर मुकदमे से हिस्सेदारी बेचने की उसकी योजना में देरी हुई है। बिडवेस्ट ने कहा कि जीवीके के हवाईअड्डे की होल्डिंग कंपनी में अपनी हिस्सेदारी एनआईआईएफ और अन्य निवेशकों को बेचने से कानूनी विवाद खड़़ा हो गया है। कंपनी ने कहा कि इस मसले पर होने वाले खर्च से उस पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। यह पहला मौका है जब किसी विदेशी निवेशक ने अपना निवेश प्रभावित होने का हवाला देकर एनआईआईएफ के खिलाफ  मुकदमा दायर किया है।
जब इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया के एनआईआईएफ से संपर्क साधा गया तो उसके प्रवक्ता ने कहा, ‘चूंकि, मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।’ जीवीके एक अधिकारी ने कहा कि मुकदमा रोक दिए जाने पर वे बिडवेस्ट और एसीएसए के साथ सौदा पूरा करने की कोशिश करेंगे। अधिकारी ने कहा,’वे पेशकश पहले अस्वीकार करने के हमारे अधिकार (आरओएफआर) से हमें वंचित रखना चाहते हैं। ऐसा करने के बजाय उन्हें शेयरधारकों के समझौतों के अनुरूप सौदा पूरा करने पर सहमत होना चाहिए।’ जीवीके ने कहा कि इस वर्ष एक मध्यस्थता समिति ने हवाईअड्डे में हिस्सेदारी बिक्री पर बिडवेस्ट के खिलाफ आदेश दिया था।
अपनी नई याचिका में बिडवेस्ट ने कहा है कि नए निवेशक मायल के शेयरधारकों के हित ताक पर रख कर बेजा फायदा ले रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि वे ऐसा सौदा करना चाहते हैं, जिसके तहत जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स में 79.10 प्रतिशत हिस्सेदारी लेना चाहती है।

First Published - July 21, 2020 | 10:54 PM IST

संबंधित पोस्ट