एयरएशिया इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक सुनील भास्करन किफायती विमानन सेवा कंपनी के प्रमुख की दौड़ में सबसे आगे हैं, जिसका जन्म एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयरएशिया इंडिया के विलय के बाद होगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भास्करन पर भरोसा जताते हुए विमानन कंपनी के निदेशक मंडल ने इस साल हुई बैठक में उनका कार्यकाल मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है। यह जानकारी दस्तावेजों से मिली। इसके अतिरिक्त, एयरएशिया इंडिया के निदेशक मंडल ने भास्करन का वेतन साल 2022 में दो बार बढ़ाया है, पहली बार जनवरी में 5 फीसदी और दूसरी बार जून में सात फीसदी। ऐसे में उनका सालाना वेतन 4.4 करोड़ रुपये बैठता है।
इसकी तुलना में एयर इंडिया के नवनियुक्त सीईओ व एमडी कैम्पबेल विल्सन की नियुक्ति 8.5 करोड़ रुपये सालाना वेतन पर हुई है। एयर इंडिया के बोर्ड ने मई में पारित प्रस्ताव में कहा है कि वेतन के अलावा विल्सन 6.5 करोड़ रुपये प्रदर्शन से जुड़ाव वाला सालाना बोनस और 6.5 करोड़ रुपये लॉन्ग टर्म इंसेटिव पाने के हकदार होंगे। विल्सन की नियुक्ति पांच साल के लिए हुई है।
टाटा समूह ने एयर इंडिया और उसकी किफायती लागत वाली सहायक एयर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण 27 जनवरी को किया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 14 जून को एयरएशिया इंडिया का अधिग्रहण एयर इंडिया की तरफ से किए जाने को मंजूरी दे दी। एयरएशिया इंडिया के साथ एयर इंडिया एक्सप्रेस के विलय की प्रक्रिया अभी चल रही है।
टाटा समूह और मलेशिया के एयरएशिया समूह के पास एयरएशिया इंडिया की क्रमश: 83.67 फीसदी व 16.33 फीसदी हिस्सेदारी है। एयरएशिया समूह, टाटा समूह, एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इस संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों के जवाब नहीं दिए।
टाटा समूह के दिग्गज भास्करन ने 15 नवंबर 2018 को एयरएशिया इंडिया के सीईओ व प्रबंध निदेशक का पदभार संभाला था। वह टाटा समूह के साथ 1987 से काम कर रहे हैं और अपने प्रोफेशनल लाइफ का ज्यादातर हिस्सा टाटा स्टील में बिताया है।
एक अन्य सूत्र ने कहा, इस पर कोई फैसला अभी नहीं हुआ है, लेकिन ज्यादा संभावना है कि भास्करन विलय के बाद बनने वाली नई इकाई की अगुआई करेंगे।
एयरएशिया इंडिया 12 जून, 2014 को शुरू की गई पहली वाणिज्यिक उड़ान से ही घाटा उठा रही है। उसका शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 22 में 42 फीसदी बढ़कर 2,178 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इसके अतिरिक्त, कंपनी ने नकदी संकट से निपटने के लिए पिछले छह महीने में 630 करोड़ रुपये का अल्पावधि कर्ज लिया है। इसके बेड़े में 28 विमान हैं।
इसकी तुलना में एयर इंडिया एक्सप्रेस वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2021 तक लाभ में रही। महामारी के बीच वित्त वर्ष 22 में एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 72.33 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया। इसके बेड़े में 24 विमान हैं और आलोक सिंह नवंबर 2020 से इसके सीईओ हैं। डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक, एयरएशिया इंडिया के पास देसी बाजार में अगस्त में 5.8 फीसदी हिस्सेदारी थी।
