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बैजूस पर फेमा उल्लंघन का आरोप

ईडी ने 9,362 करोड़ रुपये के फेमा नियमों के उल्लंघन मामले में भेजा कारण बताओ नोटिस

Last Updated- November 21, 2023 | 10:41 PM IST
Court rejects NCLAT order stopping bankruptcy proceedings against Byju's न्यायालय ने Byju's के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रोकने वाले NCLAT के आदेश को किया खारिज

श्एरडटेक दिग्गज बैजूस को जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी को 2011 से 2023 के बीच कंपनी द्वारा विदेशी निवेश आकर्षित करने के दौरान कथित तौर पर 9,362 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के उल्लंघन का पता चला है।

ईडी ने नया खुलासा थिंक ऐंड लर्न के खिलाफ विदेशी मुद्रा उल्लंघन की जांच करते समय किया था। यह कंपनी बैजूस के एजुकेशन प्लेटफॉर्म का संचालन करती है। इसने उक्त अवधि में 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जुटाया था।

अधिकारियों के अनुसार कंपनी के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियम प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। ईडी बैजूस और इसके प्रबंधन को जल्द ही कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है और जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकता है। जांच एजेंसी आम तौर पर जांचकर्ता और संबंधित कंपनी को सुनने के बाद दंडात्मक कार्रवाई का निर्णय करता है।

ईडी के सूत्रों के अनुसार बैजूस के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रवींद्रन बैजू को कई समन जारी किए गए हैं। इसके बावजूद वह जांच के दौरान कभी भी एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए। हालांकि बैजूस ने फेमा के उल्लंघन से संबंधित खबरों को खारिज किया है। मीडिया खबरों के बाद कंपनी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, ‘बैजूस स्पष्ट तौर पर उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन करता है जो बैजूस पर फेमा के नियमों का उल्लंघन का संकेत देती हैं।

कंपनी को अधिकारियों से ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है।’ यूनिकॉर्न स्टार्टअप फ्लिपकार्ट के बाद फेमा उल्लंघन का यह दूसरा सबसे बड़ा मामला हो सकता है। 2021 में फ्लिपकार्ट को 10,600 करोड़ रुपये के फेमा उल्लंघन के मामले में कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। विदेशी मुद्रा नियमों के अनुसार यदि किसी पक्ष को फेमा नियमों के उल्लंघन को दोषी पाया जाता है तो उस उल्लंघन या कंपनी द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश का तीन गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

हालांकि अधिकतम जुर्माना अभी तक नहीं लगाया गया है और इसका निर्णय मामले के आधार पर व्यापक तौर पर जांचकर्ता पर निर्भर करता है। ईडी ने इस साल अप्रैल में बैजूस और इसके मुख्य कार्याधिकारी रवींद्रन बैजू तथा उनकी कंपनी थिंक ऐंड लर्न के कम से कम तीन परिसरों पर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई फर्म को प्राप्त धन तथा विदेश में धन भेजने से जुड़ा था।

ईडी के अनुसार उस अवधि के दौरान कंपनी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नाम पर विभिन्न देशों में लगभग 9,754 करोड़ रुपये भेजे थे। बैजूस ने विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च के रूप में लगभग 944 करोड़ रुपये दिखाए थे जिसमें विदेश भेजी गई राशि का कुछ हिस्सा भी शामिल था जिसे देखते हुए इस लेनदेन की जांच की गई थी।

इस बीच बैजूस अपने सभी निवेशकों से संपर्क कर उन्हें आश्वस्त किया है कि कंपनी ने विदेशी मुद्रा विनिमय कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उसने निवेशकों को भरोसा दिया है कि फर्म हमेशा फेमा नियमों का पूरी तरह से पालन करती है।

First Published - November 21, 2023 | 10:41 PM IST

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