भारत के निजी क्षेत्र के तीसरे बड़े कर्जदाता ऐक्सिस बैंक ने शुक्रवार को एक्सचेंजों को सूचित किया कि समृद्ध बैंकिंग, कार्ड, भुगतान और खुदरा ऋण संबंधी मामलों को देख रहे ग्रुप एग्जिक्यूटिव अर्जुन चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इसके अलावा बैंक ने ट्रेजरी, मार्केट, होलसेल बैंकिंग प्रोडक्ट के प्रमुख के रूप में काम कर रहे ग्रुप एग्जिक्यूटिव नीरज गंभीर को पदोन्नति देकर पूर्णकालिक निदेशक बना दिया है। वह 4 अगस्त से बैंक के कार्यकारी निदेशक के पद पर कामकाज संभालेंगे। चौधरी ने अपने इस्तीफे में कहा है, ‘मैंने ऐक्सिस बैंक से बाहर उद्यमशीलता की राह पर चलने का पैसला किया है।’
1 मार्च, 2023 को सिटीबैंक इंडिया के उपभोक्ता व्यवसाय के अधिग्रहण के बाद चौधरी एक्सिस बैंक से जुड़ गए थे। चौधरी सिटी बैंक से करीब 30 साल से जुड़े हुए थे। विलय के पहले वह सिटी बैंक इंडिया में कंट्री हेड (कंज्यूमर बैंक) के पद पर कार्यरत थे। ऐक्सिस बैंक ने सिटी बैंक के कंज्यूमर बिजनेस का अधिग्रहण 11,603 करोड़ रुपये में किया था। गंभीर की नियुक्ति के बारे में बैंक ने कहा कि उन्हें नियुक्ति की प्रभावी तिथि से 3 साल के लिए नियुक्त किया गया है, जो बैंक के शेयरधारकों और भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमोदन पर निर्भर होगा।
गंभीर मई 2020 में ऐक्सिस बैंक से जुड़े थे। इसके पहले वे नोमुरा इंडिया के एमडी पद पर काम कर रहे थे। इसके पहले वह लीमन ब्रदर्स इंडिया में एमडी थे। गंभीर ने आईसीआईसीआई बैंक के साथ भी काम किया है।
ऐक्सिस बैंक के डिप्टी एमडी राजीव आनंद अगस्त में सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इसे देखते हुए गंभीर की नियुक्ति हुई है। ऐक्सिस बैंक के वरिष्ठ नेतृत्व में हाल में कुछ उथल-पुथल देखने को मिली है। पिछले साल जून में खुदरा ऋण का कामकाज देख रहे ग्रुप एग्जिक्यूटिव सुमित बाली ने इस्तीफा दे दिया और बाद में वह ऐक्सिस बैंक से जुड़ गए। शुक्रवार को बैंकों के शेयर बीएसई में 5 प्रतिशत से अधिक नीचे चले गए। ज्यादा चूक के कारण बैंक द्वारा कमजोर कमाई की सूचना देने के बाद ऐसा हुआ है। बैंक ने कहा है कि चूक में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2026 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 4 प्रतिशत गिरकर 5,806 करोड़ रुपये रह गया है। बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में नई चूक 8,200 करोड़ रुपये रही है, जो सालाना आधार पर 71 प्रतिशत अधिक है।
मैक्वेरी रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘एनपीए की पहचान के लिए अकाउंटिंग पॉलिसी में बदलाव के कारण वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में क्रेडिट की लागत 140 आधार अंक पहुंच गई, जो वित्त वर्ष 25 में 70 आधार अंक थी। इसकी वजह से चूक पर 100 आधार अंक और ऋण की लागत पर 30 आधार अंक का असर पड़ा।’