ऑडी इंडिया ने कैलेंडर वर्ष 2024 के शेष महीनों के दौरान अपनी बिक्री में गिरावट का अनुमान जताया है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में लगातार रुकावट की वजह से उत्पादन और डिलिवरी पर पड़ रहे असर का हवाला दिया है। लक्जरी वाहनों की दमदार मांग के बावजूद कार विनिर्माता को इन बाधाओं के कारण ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने बताया, ‘हमारी आपूर्ति की ज्यादातर बाधाएं इस वर्ष की पहली छमाही में जनवरी से जून तक रहीं। तीसरी तिमाही में हालात में सुधार हुआ है और अब हम आपूर्ति का सामान्य स्तर देख रहे हैं। अलबत्ता इन पिछली बाधाओं के कारण दुर्भाग्य से हम इस वर्ष अपने विकास लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे और कुल बिक्री में गिरावट देखेंगे।’
आपूर्ति श्रृंखला की इन समस्याओं के पीछे प्रमुख रूप से दोहरी वजहें थीं – विभिन्न स्थानों से पुर्जें हासिल करने में वैश्विक अड़चन और शिपिंग में देरी। हालांकि महामारी के बाद सेमीकंडक्टर की कमी बड़ा मसला थी, लेकिन उन्हें काफी हद तक हल कर लिया गया है। ढिल्लों ने कहा, ‘मौजूदा चुनौतियां भू-राजनीतिक कारकों से अधिक जुड़ी हुई हैं, जहां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के किसी भी हिस्से में अड़चन उत्पादन को रोक सकती है, भले ही केवल एक ही पुर्जा नदारद हो।’
साल 2024 के पहले नौ महीने के दौरान ऑडी इंडिया ने 3,889 गाड़ियां बेचीं, जिसमें सालाना आधार पर 29.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि ऑडी अप्रुव्ड और पुरानी कारों के कारोबार में पिछले साल की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
ऑडी इंडिया ने इस साल देश में 1,00,000 कारों की बिक्री की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न मनाया। इसमें से क्यू7 मॉडल का प्रमुख योगदान रहा है, जिसने 10,000 गाड़ियों की बिक्री के साथ कुल बिक्री में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की। ऑडी स्थानीय बुनियादी ढांचे का विकास करके ईवी विस्तार की तैयारी भी कर रही है, जिसमें 70 शहरों में 145 चार्जिंग स्टेशन और 12 विशेष वर्कशॉप शामिल हैं।