टाटा कॉफी और टाटा कंज्यूमर का विलय होने जा रहा है और इसने ट्रेडरों के लिए आर्बिट्रेज का मौका उपलब्ध कराया है। दोनों शेयरों की मौजूदा कीमत और अदला-बदली अनुपात (स्वैप रेश्यो) को देखते हुए निवेशक 4 फीसदी तक का स्प्रेड हासिल कर सकते हैं। यह जानकारी आईआईएफएल सिक्योरिटीज के नोट से मिली।
कारोबारी परिचालन को बेहतर बनाने के लिए टाटा समूह ने मार्च 2022 में टाटा कॉफी व टाटा कंज्यूमर के विलय की घोषणा की थी। इस योजना के प्रभावी होने पर टाटा कॉफी के निवेशकों को हर 10 शेयरों के बदले टाटा कंज्यूमर के तीन इक्विटी शेयर मिलेंगे।
टाटा कॉफी के शेयर 216 रुपये के भाव पर है, वहीं टाटा कंज्यूमर के शेयर 750 रुपये पर। दूसरे शब्दों में हम टाटा कंज्यूमर के शेयरधारक (750 गुना 3 यानी 2,250 रुपये) टाटा कॉफी के शेयर छूट पर खरीदकर बन सकते हैं (216 गुना 10 यानी 2,160 रुपये)। एनसीएलटी से अगले कुछ दिनों इस विलय की मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद विश्लेषकों का मानना है कि स्प्रेड सिकुड़ सकता है।
आर्बिट्रेज मौके के अलावा फंडामेंटल विश्लेषकों का टाटा कंज्यूमर के लंबी अवधि के परिदृश्य को लेकर तेजी का नजरिया है क्योंकि उनका मानना है कि इस विलय से एफएमसीजी दिग्गज की प्रति शेयर आय में मजबूती आएगी। अभी टाटा कंज्यूमर के लिए आमसहमति वाली लक्षित कीमत 856 रुपये है, जो मौजूदा स्तर से 14 फीसदी ज्यादा है।
पुनर्गठन योजना में टाटा कॉफी के प्लांटेशन कारोबार को अलग कर टीसीपीएल बेवरिजेज ऐंड फूड्स को देने और टाटा कॉफी के बाकी कारोबार के विसय की है, जो टाटा कंज्यूमर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक है।
कारोबार अलग करना पहला कदम होगा और विलय प्रक्रिया तात्कालिक व दूसरे कदम के तौर पर होगी। प्रस्तावित योजना में टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स यूके के अल्पांश शेयर की खरीद टाटा कंज्यूमर की तरफ से होनी है।
जेपी मॉर्गन ने पिछले साल एक नोट में कहा था, भारतीय कारोबार के ढांचागत सरलीकरण पर काम हो रहा है। 8 ओ क्लॉक कॉफी का अंतरराष्ट्रीय पुनर्गठन टाटा कॉफी के विलय के बाद होगी (एनसीएलटी की मंजूरी की प्रतीक्षा हो रही है)। लागत में बचत और कर फायदे से ईपीएस में 3-4 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है।