भारत की सबसे बड़ी सूचीबद्ध हेल्थकेयर सेवा कंपनी अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज (एएचईएल) का शेयर सोमवार को 4.6 प्रतिशत गिर गया था और मंगलवार को भी यह 0.34 प्रतिशत गिरकर 5,946.20 रुपये पर बंद हुआ। सहायक इकाई अपोलो हेल्थको (एएचएल) के लिए कम मूल्यांकन और कीमेड के लिए ज्यादा मूल्यांकन की वजह से शेयर में गिरावट आई। कीमेड प्रवर्तक के स्वामित्व वाली थोक दवा कंपनी है जिसका एएचएल में विलय किया जा रहा है।
एएचईएल अपनी आंशिक हिस्सेदारी एएचएल में बेच रही है और कीमेड का विलय डिजिटल हेल्थकेयर एवं ओम्नीचैनल फार्मेसी एएचएल के साथ हो रहा है। कीमेड पर विचार अलग अलग हैं, लेकिन कई ब्रोकरों ने एएचएल के लिए ज्यादा मूल्यांकन का अनुमान जताया है। एएचईएल वैश्विक निजी इक्विटी निवेशक को एएचएल में 16.8 प्रतिशत हिस्सेदारी देने के लिए एडवेंट इंटरनैशनल से दो बार में 2,475 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटा रही है।
जुटाई जाने वाली पूंजी का इस्तेमाल एएचएल में विकास, 730 करोड़ रुपये में कीमेड में 11.2 प्रतिशत हिस्सा खरीदने के लिए किया जाएगा। सौदे के दूसरे चरण में कीमेड का 24 से 30 महीनों में एएचएल में विलय हो जाएगा। जब दोनों लेनदेन हो जाएंगे, तो एएचएल में एडवेंट की हिस्सेदारी घटकर 12.1 प्रतिशत रह जाएगी।
पूरे सौदे से एएचएल को एक एकीकृत फार्मेसी वितरण व्यवसाय स्थापित करने में मदद मिल सकेगी, जो ओम्नीचैनल डिजिटल हेल्थ सेगमेंट का पूरक होगा। इससे एएचईएल के मुख्य सेगमेंटों से नकदी निकासी घटाने में मदद मिलेगी।
नुवामा रिसर्च में विश्लेषकों आशिता जैन और श्रीकांत अकोलकर ने कहा कि एएचएल का 1.7 अरब डॉलर का मूल्यांकन 2.7 अरब डॉलर के संभावित मूल्यांकन की तुलना में काफी कम था। नुवामा रिसर्च के विश्लेषकों के अनुसार कुछ निवेशकों ने कीमेड के मूल्यांकन पर भी सवाल उठाए।
जापान की मित्सुई द्वारा कीमेड में 20 प्रतिशत हिस्सा खरीदने के बाद पिछले साल मूल्यांकन लगभग दोगुना हो गया और यह दवा होलसेलर के वित्त वर्ष 2024 के लिए अनुमानित परिचालन लाभ के मुकाबले 22 गुना ज्यादा था। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि 1.7 अरब डॉलर के उद्यम मूल्यांकन पर एएचएल (कीमेड को छोड़कर) का सौदा उनके अनुमान से कम था और यह उनके पहले निर्धारित मूल्य से 25 प्रतिशत की छूट पर था।
हालांकि ब्रोकरेज के विश्लेषक अलंकार गरुडे ने कहा कि कीमेड का 6,400 करोड़ रुपये का इक्विटी मूल्यांकन काफी हद तक उचित है, क्योंकि उसने करीब एक साल पहले 5,000 करोड़ रुपये में अल्पांश शेयरधारकों के साथ सौदे पूरे कर लिए थे। उनका कहना है कि मित्सुई के 3,000 करोड़ रुपये के इक्विटी मूल्यांकन से कीमेड मूल्यांकन की तुलना करना अनुचित होगा।