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टाटा टेक के आईपीओ पर विश्लेषक उत्साहित

टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ: विश्लेषकों का अनुमान, लंबी अवधि में बढ़त की संभावना

Last Updated- November 20, 2023 | 10:31 PM IST
CIEL IPO

विनिर्माण की अगुआई वाली इंजीनियरिंग सेवाओं में वृद्धि की भरपूर गुंजाइश और आकर्षक मूल्यांकन ने टाटा टेक्नोलॉजिज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पर विश्लेषकों को आशावादी बनाए रखा है।

सैमको सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक सिद्धेश मेहता का कहना है कि लंबी अवधि के लिए इस कंपनी के आईपीओ में आवेदन किया जाना चाहिए क्योंकि लंबी अवधि में बढ़त के परिदृश्य के साथ इसकी कीमत उचित रखी गई है।

कीमत दायरे के ऊपरी स्तर 500 रुपये पर इश्यू का मूल्यांकन वित्त वर्ष 23 की आय के 32.5 गुना पीई पर हुआ है। यह केपीआईटी टेक और टाटा एलेक्सी के संबंधित पीई क्रमश: 105 गुना व 70 गुना (वित्त वर्ष 23 के आधार पर) के मुकाबले 69 फीसदी व 53 फीसदी की भारी छूट के साथ है।

शेयरखान ने एक नोट में कहा है, यह इश्यू अनुकूल जोखिम-
प्रतिफल की पेशकश करता है और उम्दा ट्रैक रिकॉर्ड, ईआरऐंडडी सेवाओं में स्थापित क्षमता और संबंधित वर्टिकल मसलन एरोस्पेस ऐंड ट्रांसपोर्ट व भारी मशीन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किए जाने को देखते हुए फर्म का आउटलुक शानदार है।

पूरी तरह से ओएफएस वाला यह इश्यू 22 नवंबर को आवेदन के लिए खुलेगा और 24 नवंबर को बंद होगा। ग्रे मार्केट में यह शेयर 350 रुपये के प्रीमियम यानी कीमत दायरे के ऊपरी स्तर से 70 फीसदी ज्यादा पर बिक रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी के लिए ईआरऐंडडी इंडस्ट्री में काफी गुंजाइश है और वैश्विक ईआरऐंडडी का सिर्फ 5 फीसदी ही अभी आउटसोर्स होता है।

कुल ईआरऐंडडी में ऑटोमोटिव ईआरऐंडडी खर्च महज 10 फीसदी है और उम्मीद है कि यह साल 2022 के 180 अरब डॉलर के मुकाबले साल 2026 तक सालाना 7 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़कर 238 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। टाटा टेक के आईपीओ के विवरणिका मसौदे से यह जानकारी मिली।

टाटा समूह की कंपनी प्राथमिक तौर पर ऑटोमोटिव क्षेत्र में आउटसोर्स्ड प्रॉडक्ट व इंजीनियरिंग सेवाओं की पेशकश करती है, जिसकी हिस्सेदारी वित्त वर्ष 23 के उसके सेवा राजस्व में 89 फीसदी रही। वित्त वर्ष 23 के कुल राजस्व में सेवा कारोबार की हिस्सेदारी 80 फीसदी रही।

टाटा टेक के पास वैश्विक मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) व इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के रूप में क्लाइंटों का मजबूत आधार है। टाटा मोटर्स और जगुआर लैंड रोवर इसके एंकर क्लाइंट हैं और कंपनी ने इन दोनों पर निर्भरता घटाई है, जिसके बारे में विश्लेषकों का कहना है कि यह सकारात्मक है क्योंकि ऑटोमोटिव क्लाइंटों पर ज्यादा निर्भरता बड़ा जोखिम है।

टाटा टेक के वित्त वर्ष 23 के राजस्व में टाटा मोटर्स व जेएलआर की हिस्सेदारी 34 फीसदी रही, जो वित्त वर्ष 21 के 43 फीसदी के मुकाबले कम है। हालांकि इन दोनों समेत पांच अग्रणी क्लाइंटों की हिस्सेदारी कुल राजस्व में वित्तवर्ष 24 की पहली छमाही में 64 फीसदी रही है।

विशेषज्ञों ने कहा, उभरते उत्पादों मसलन इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड वाहनों के लिए कंपनी का समधान एक अन्य सकारात्मक पहलू है। एक शोध विश्लेषक रवि सिंह ने कहा, टाटा टेक के पास टाटा ब्रांड की विरासत व भरोसा है। उसकी वित्तीय रफ्तार भी स्थिर है। पिछले तीन वित्त वर्ष में उसने 12.26 रुपये प्रति शेयर की औसत आय दर्ज की है और नेटवर्थ पर औसत रिटर्न 18.68 फीसदी रहा है।

अप्रैल-सितंबर की अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 36 फीसदी बढ़कर 352 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि राजस्व 34 फीसदी की उछाल के साथ 2,527 करोड़ रुपये रहा।

First Published - November 20, 2023 | 10:31 PM IST

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