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Amway ने MLM योजना के जरिये 4,000 करोड़ रुपये अपराध की कमाई की, ED ने कहा-विदेश भेजा गया पैसा

ED ने पिछले साल अप्रैल में इस मामले में 757 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी।

Last Updated- November 20, 2023 | 8:24 PM IST
Amway generated proceeds of crime of over Rs 4k cr via MLM scheme: ED

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बहुस्तरीय विपणन (multi-level marketing-MLM) योजना चलाने वाली एमवे इंडिया (Amway India) पर अपराध की 4,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने और इसका एक बड़ा हिस्सा विदेशी बैंक खातों में भेजने का सोमवार को आरोप लगाया।

केंद्रीय एजेंसी ने हैदराबाद में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत के समक्ष एमवे इंडिया एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के बाद यह बात कही।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि अदालत ने सोमवार को अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लिया। तेलंगाना पुलिस ने एमवे और उसके निदेशकों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की थीं। ईडी की ओर से दर्ज किया गया धनशोधन का आपराधिक मामला इन्हीं प्राथमिकियों पर आधारित है।

यह आरोप लगाया गया है कि कंपनी ‘‘सामानों की बिक्री की आड़ में अवैध धन संचलन योजना’’ को बढ़ावा दे रही है और ‘‘नए सदस्यों का पंजीकरण कराने पर अधिक कमीशन/प्रोत्साहन का वादा करके और यह दावा करके आम लोगों को धोखा दे रही है कि ये कमीशन/प्रोत्साहन अनंत काल तक जारी रहेंगे।’’

कंपनी का कहना है कि उसने कानून के अनुसार काम किया है। एमवे के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत 2011 की जांच से संबंधित है और हम तभी से विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं तथा हमने समय-समय पर मांगी गई सभी जानकारी साझा की हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि एमवे ने भारत में अपना कामकाज 25 साल पहले शुरू किया था, तब से वह ‘‘कानून एवं निमयों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उसने कहा, ‘‘हम अपने कानूनी अधिकारों का पालन करते हुए कानून की उचित प्रक्रिया का पालन कर भारतीय कानूनी और न्यायिक प्रणाली में अपने निरंतर विश्वास को दोहराना चाहते हैं।’’

ईडी ने अपनी जांच में कहा कि कंपनी प्रत्यक्ष बिक्री की आड़ में एक पिरामिड योजना को बढ़ावा दे रही है। पिरामिड योजना एक ऐसा व्यापार मॉडल होता है जिसमें सीधे सामान बेचने के बजाय एक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को योजना में जोड़ता है, जिससे उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ मिलता है। इस योजना के तहत पैसे को घुमाया जाता है, जिसमें नए जुड़े लोगों का पैसा पुराने लोगों को मिलता है। पिरामिड के नीचे वाले लोगों को अक्सर इसमें नुकसान उठाना पड़ता है।

इसमें कहा गया है, ‘‘अंतिम उपभोक्ता को सीधे सामान बेचने के बजाय एमवे ने सदस्यों की एक बहु-स्तरीय विपणन योजना शुरू की और वितरकों के नाम पर कई मध्यस्थों को जोड़ा।’’ ईडी ने कहा, ‘‘यह योजना उत्पादों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित नहीं करती, बल्कि मुख्य रूप से सदस्यों के पंजीकरण पर आधारित है।’’

एजेंसी ने कहा कि जब किसी नए जुड़े व्यक्ति को किसी ऐसे व्यक्ति के माध्यम से पैसे देने के लिए राजी कर लिया जाता है जिसने उसे कंपनी के साथ जुड़ने को कहा है, तो वह व्यक्ति एक प्रतिनिधि बन जाता है और कमीशन कमाने के लिए उसे नए सदस्यों का पंजीकरण करना होता है। इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे लोगों की संख्या बढ़ती है, पिरामिड के शीर्ष पर रहने वालों को अधिक कमीशन और पर्यटन जैसे प्रोत्साहन मिलते हैं।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि एमवे ने न केवल एक बहु-स्तरीय विपणन योजना संचालित की, बल्कि पैसा इधर से उधर घुमाने की योजना भी चलाई तथा अपने ग्राहकों से ‘‘बड़ी’’ रकम एकत्र की।

ईडी ने कहा, ‘‘धोखाधड़ी के अपराध को अंजाम देकर एमवे ने अपराध से कुल 4,050.21 करोड़ रुपये की कमाई अर्जित की।’’

आरोप पत्र में कहा गया है कि सदस्यों से एकत्र की गई 2,859 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लाभांश, रॉयल्टी और अन्य खर्चों के भुगतान के नाम पर विदेशी निवेशकों के बैंक खातों में भेजी गई। ईडी ने पिछले साल अप्रैल में इस मामले में 757 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी।

First Published - November 20, 2023 | 8:24 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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