फ्यूचर समूह के संस्थापक और सीईओ किशोर बियाणी ने मंगलवार को कहा कि खुदरा परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समूह की बातचीत के बारे में एमेजॉन को पूरी तरह पता था, हालांकि अमेरिकी कंपनी ने नकदी संकट से उबरने के लिए कोई ठोस मदद की पेशकश नहीं की। फ्यूचर समूह इस समय रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के बिक्री समझौते को लेकर एमेजॉन के साथ कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है।
बियाणी ने बताया कि अमेरिकी कंपनी का 2019 में फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल), फ्यूचर रिटेल की मूल कंपनी में निवेश सिर्फ कूपन और उपहार कारोबार के लिए था और खुदरा परिसंपत्तियों के रिलायंस के पास जाने के बाद भी वह जारी रह सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सेबी की मंजूरी के दो महीनों में रिलायंस के साथ सौदा पूरा हो सकता है। एमेजॉन द्वारा किए गए मुकदमे के बारे में बियाणी ने कहा कि सौदा और मध्यस्थता की प्रक्रिया, दोनों एक साथ जारी रह सकते हैं, क्योंकि अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले समूह के साथ हुआ समझौता समूह की कंपनी फ्यूचर कूपंस से संबंधित नहीं है, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनी ने हिस्सेदारी हासिल की है।
बियाणी ने कहा कि फ्यूचर समूह ने कई बार एमेजॉन संपर्क किया था, क्योंकि लॉकडाउन के बाद समूह का खुदरा कारोबार बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ था और कर्ज काफी बढ़ गया था। उन्होंने बताया, जिस दिन कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की शुरुआत हुई, उसके बाद हम लगातार एमेजॉन के संपर्क में थे। ऐसी बात नहीं है कि उन्हें जानकारी नहीं थी। हमने मार्च में उन्हें कीमतों में गिरावट और गिरवी शेयरों की बिक्री के बारे में लिखा था। बियाणी ने कहा कि कुछ ऐसे उपबंध थे, जिनके तहत एमेजॉन उधारदाताओं को दूसरों के साथ बदल सकता था, जिससे फ्यूचर को शेयरों का स्वामित्व बनाए रखने में मदद मिलती। उन्होंने कहा, कोविड महामारी आई और उसके बाद बात बन नहीं सकी। इस दौरान हमने उनसे से चर्चा की।
एक्जिम बैंक ने एक अरब डॉलर जुटाए
भारत के निर्यात आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को डॉलर मूल्य में बॉन्ड जारी कर एक अरब डॉलर जुटाए हैं। कुल 10 साल की अवधि के बॉन्ड पर केवल 2.25 प्रतिशत ब्याज की पेशकश की गई है। एक्जिम बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रासक्विनहा ने कहा कि कुल एक अरब डॉलर मूल्य के निर्गम को चार गुना अभिदान मिला। एशियाई बाजारों में बॉन्ड पेश किए जाने के तीन घंटे में ही जारी निर्गम के मुकाबले अधिक अभिदान मिल गया।
उन्होंने कहा कि ट्रेजरी बिल जमा 1.45 प्रतिशत ब्याज यानी इस पर देय ब्याज 2.25 प्रतिशत है जो देश के बाहर जारी 10 साल के बॉन्ड के लिए सबसे कम है। रासक्विनहा ने कहा कि यह बॉन्ड कई मामलों में पहला है। घरेलू निर्गमकर्ता द्वारा यह पहला डॉलर में जारी दीर्घकालीन बॉन्ड है जिस पर सबसे कम 2.25 प्रतिशत का ब्याज देय है। साथ ही यह इस साल का एशिया से (एशिया एक्स-जापान) सबसे बड़ा बॉन्ड है। भाषा