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एमेजॉन ने फ्यूचर से फिर छेड़ी बात

Last Updated- December 11, 2022 | 8:56 PM IST

अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने फ्यूचर समूह के साथ कानूनी विवाद खत्म करने के लिए उसके सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा है और किशोर बियाणी की अगुआई वाली खुदरा कंपनी फ्यूचर भी हल निकालने को राजी है। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को बातचीत के जरिये सुलह के लिए 15 मार्च तक का समय दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने आज सुनवाई के दौरान तीनों पक्षों- एमेजॉन डॉट कॉम, फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) और उसकी प्रवर्तक फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) से समाधान पर पहुंचने के तरीके तलाशने को कहा। एफआरएल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और एफसीपीएल की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी इस पर राजी हो गए।
एमेजॉन ने अपने वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम के जरिये फ्यूचर रिटेल के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के  दौरान कहा कि मुकदमेबाजी के ‘भंवर’ को लंबा खींचा जा रहा है। सुब्रमण्यन ने कहा, ‘हम इसे जारी नहीं रख सकते। इस बारे में कम से कम बातचीत की जानी चाहिए।’
फ्यूचर समूह के एक वकील ने एमेजॉन के साथ बातचीत पर सहमति जताई। अदालत ने बातचीत का स्वागत किया और कहा कि यह सभी भागीदारों के हित में है। न्यायाधीशों ने कहा कि दोनों पक्ष किसी संभावित समाधान पर पहुंचने के लिए 10 दिन का समय ले सकते हैं। एफआरएल के वकील साल्वे ने कहा, ‘एमेजॉन को किशोर बियाणी को फोन करने और बातचीत करने से किसने रोका है। मैं आपको बता दूं कि इस जंग में कोई नहीं जीतने जा रहा है। भगवान एमेजॉन को जमीन पर आना चाहिए और हम जैसे मनुष्यों से बात करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘कोई नहीं जीतने जा रहा है। एफआएल, रिलायंस और एमेजॉन सभी की दिक्कतें हैं। मुझे नहीं पता कि हमें बातचीत के लिए भी अदालती आदेश क्यों चाहिए।’
एमेजॉन ने भी भरोसा दिया है कि वह बातचीत के दौरान फ्यूचर के खिलाफ नए मामले दायर नहीं करेगी। इसने निषेधाज्ञा आदेश के बाद भी समझौते की शर्तें लागू करने में देरी के कारण निवेशकों के रुझान में हो रहे बदलाव पर चिंता जताई। एमेजॉन के वकील ने कहा कि अदाणी और रिलायंस में निवेश करने वाले भी चिंतित होंगे।
चेन्नई उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के नरसिम्हन ने कहा, ‘एमेजॉन की बातचीत की पेशकश नई नहीं है और यह अच्छी बात है कि फ्यूचर समूह इस पर विचार कर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘इससे दोनों ब्रांडों को फायदा हो सकता है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण यह है कि इससे एफआरएल के कर्मचारियों और साझेदारों का उत्साह बढ़ेगा।’ एमेजॉन और फ्यूचर के बीच विवाद की नींव अगस्त 2019 में पड़ी। उस समय एमेजॉन ने एफआरएल (फ्यूचर रिटेल) की प्रवर्तक फ्यूचर कूपन्स में 49 फीसदी हिस्सेदारी करीब 1,500 करोड़ रुपये में अधिग्रहीत की थी। इसके एक साल बाद अगस्त 2020 में फ्यूचर समूह ने रिलांयस इंड्रस्ट्रीज के साथ 3.4 अरब डॉलर में परिसंपत्तियों की बिक्री का सौदा कर लिया। अक्टूबर 2020 में एमेजॉन ने फ्यूचर को आरआईएल के साथ सौदा करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा।

First Published - March 3, 2022 | 11:33 PM IST

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