एमेजॉन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर किशोर बियाणी सहित फ्यूचर समूह के संस्थापकों को हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया है। इस अमेरिकी कंपनी ने अपनी याचिका में रिलांयस और फ्यूचर समूह के बीच हुए सौदे पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। एमेजॉन ने अपनी अर्जी में यह भी कहा है कि इन लोगों की परिसंपत्तियां भी जब्त की जानी चाहिए। एमेजॉन ने न्यायालय से आग्रह किया है कि वह बियाणी परिवार को उनकी सभी चल-अचल संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देश जारी करे। अमेरिकी कंपनी ने बियाणी की पुत्री आश्नी और संस्थापक परिवार के सात अन्य सदस्यों को हिरासत में लिए जाने की मांग की है।
कुछ महीने पहले ही फ्यूचर समूह ने अपना खुदरा कारोबार बेचने के लिए रिलायंस समूह के साथ समझौता किया था। एमेजॉन ने सिंगापुर के पंचाट का निर्णय लागू कराने का अनुरोध किया है। अपने आदेश में इस पंचाट ने अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में कहा था कि रिलायंस के साथ फ्यूचर समूह के सौदे पर रोक लगा दी थी। अमेरिकी कंपनी ने न्यायालय में दायर अपनी अर्जी में कहा है कि फ्यूचर ने जान-बूझकर सिंगापुर के पंचाट का आदेश नहीं माना है। एमेजॉन की याचिका पर 28 जनवरी को सुनवाई हो सकती है। पिछले सप्ताह स्टॉक एक्सचेंजों ने सेबी के साथ विमर्श करने के बाद फ्यूचर सौदे को हरी झंडी दे दी थी। एमेजॉन से जब इस मामले पर संपर्क साधा गया तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। फ्यूचर और रिलायंस ने भी इस मुद्दे पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।