देसी व अंतरराष्ट्रीय यात्रिघयों का हवाई परिवहन वित्त वर्ष 24 में 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ेगा, जिसे बेड़े में इजाफा से सहारा मिलेगा। भारतीय विमानन कंपनियां कमजोर रुपये और ईंधन की बढ़ती लागत से 1.6 से 1.8 अरब डॉलर का नुकसान उठाएंगी। सीएपीए ने ये बातें कही है।
सीएपीए इंडिया ने अपने सालाना आउटलुक में कहा है, भारतीय विमानन कंपनियां यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2024 में 132 विमान जोड़ सकती हैं। एयर इंडिया 53 विमान अपने बेड़े में शामिल कर सकती है जबकि इंडिगो 49 विमान जोड़ सकती है। भारतीय विमानन कंपनियों के बेड़े का संयुक्त आकार मार्च 2023 के 684 के मुकाबले मार्च 2024 में बढ़कर 816 हो जाएगा।
देसी हवाई परिवहन सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 16 करोड़ यात्री तक पहुंच जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय परिवहन 22 से 27 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.2 से 7.5 करोड़ हो जाएगा। सीएपीए इंडिया ने कहा, किफायती विमानन कंपनियों की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर बढ़ी क्षमता की तैनाती से परिवहन में काफी ज्यादा इजाफा होगा।
देसी यात्री परिवहन कैलेंडर वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 47.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 12.32 करोड़ पर पहुंच गया। यह जानकारी डीजीसीए के आंकड़ों से मिली।
एटीएफ की बढ़ी लागत और घटते प्रतिफल से विमानन कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा। उद्योग का नुकसान वित्त वर्ष 24 में 1.6 अरब डॉलर से 1.8 अरब डॉलर तक होने का अनुमान है। पूर्ण सेवा देने वाली विमानन कंपनियों का नुकसान 1.1 से 1.2 अरब डॉलर होगा जबकि किफायती विमानन कंपनियों का नुकसान 0.5 से 0.6 अरब डॉलर होगा।