भारत सरकार ने स्वदेशी लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) और सेक्टर आधारित स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (एसएलएम) तैयार करने के लिए 8 और स्टार्टअप का चयन किया है। इन स्टार्टअप में फ्रैक्टल एनालिटिक्स, अवतार एआई, टेक महिंद्रा, जेनटेक एआईटेक इनोवेशन और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बंबई के कंसोर्टियम वाला भारतजेन शामिल है।
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘एआई मॉडल तैयार करने के लिए हमारे भागीदारों का चयन भी बदल रहा है। यह तकनीकी दुनिया में इस नई सोच के अनुकूल है कि किसी विशेष क्षेत्र की समस्याओं को हल करने पर केंद्रित मॉडल वास्तव में अधिक प्रभावी, अधिक उपयोगी होंगे और उनकी मांग भी अधिक होगी।’
वैष्णव ने बताया कि बड़े बहुद्देशीय मॉडलों की आवश्यकता बनी रहेगी लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, मैटेरियल साइंस, विनिर्माण और कानून जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में काम करने वाले एसएलएम को प्राथमिकता दी जाएगी। पहले चरण में, चार स्टार्टअप, सर्वम, सोकेट एआई, गण एआई, और ज्ञानी एआई को स्वदेशी एलएलएम तैयार करने के लिए चुना गया था। दूसरे चरण में, जेनलूप इंटेलिजेंस, न्यूरोडीएक्स, और शोध एआई एलएलएम के साथ-साथ एसएलएम तैयार करने पर काम करेंगे।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार इंडियाएआई मिशन के तहत अब तक बनाई गई ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) कंप्यूट क्षमता को ग्लोबल साउथ के कुछ देशों के साथ साझा करने की योजना बना रही है। अब तक देश की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता बढ़ाने के लिए इस मिशन के तहत 38,000 से अधिक जीपीयू को शामिल किया गया है।
चौथा एआई इम्पैक्ट सम्मेलन 19 और 20 फरवरी को नई दिल्ली में होगा जो पहले ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में आयोजित हो चुका है। वैष्णव ने कहा कि इसका जोर मानव-केंद्रित और समावेशी विकास पर होगा, जिससे एआई सभी के लिए सुलभ हो सके। वैष्णव ने कहा, ‘जब हम वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत करते हैं तब एक अहम बात सामने आती है कि एआई के लिए एक सामान्य शासन ढांचा बनाने के लिए दुनिया को एक साथ आना होगा। यह एक महत्वपूर्ण तकनीक है और इसका प्रभाव इतना गहरा है कि हमें एक साथ आकर एक सामान्य शासन ढांचे पर विचार करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी बताया कि सरकार एआई, मशीन लर्निंग और अन्य उन्नत तकनीकों में कौशल विकास के लिए देश भर में, विशेष रूप से मझोले शहर और छोटे शहरों में 500 से अधिक एआई डेटा लैब स्थापित करेगी। इस परियोजना पर कुल 500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। वैष्णव ने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार एक एआई गवर्नेंस फ्रेमवर्क भी जारी करेगी, जो इस तकनीक का उपयोग करके उत्पादों और सेवाओं पर काम करने वाली कंपनियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा।
केंद्र सरकार डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा (डीपीडीपी) अधिनियम के प्रशासनिक नियमों को 28 सितंबर से पहले जारी कर देगी। ये नियम डीपीडीपी अधिनियम के संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसे अगस्त 2023 में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था और कुछ दिनों बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। वैष्णव ने कहा कि सरकार ने इस साल जनवरी में जारी किए गए नियमों के मसौदे पर व्यापक विचार-विमर्श किया है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य प्रशासनिक नियमों के साथ-साथ एक ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों’ का सेट भी जारी होने की संभावना है, जो कई पहलुओं और प्रावधानों को स्पष्ट करेगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं नियमन अधिनियम, 2025’ को 1 अक्टूबर से लागू कर देगी। वैष्णव ने कहा कि आईटी मंत्रालय ने कानून पारित होने से पहले और बाद में पिछले कई सालों से नियमों पर व्यापक विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि एक बार जब कानून और प्रशासनिक नियम बन जाएंगे, तब सरकार फिर से गेमिंग उद्योग से परामर्श करेगी और यदि आवश्यक हो तो उन्हें और समय देगी।