facebookmetapixel
भारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणु

AI की हाइप बेकार! नारायण मूर्ति बोले – असली समाधान इनोवेशन और नौकरियां

नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में AI को लेकर जरूरत से ज्यादा हाइप है, जबकि असली समाधान इनोवेशन और रोजगार सृजन में है, न कि मुफ्त योजनाओं (फ्रीबीज) में।

Last Updated- March 12, 2025 | 10:08 PM IST
Narayana Murthy

इन्फोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने बुधवार को भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर किए जा रहे बढ़ा-चढ़ाकर दावों पर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि गरीबी को खत्म करने का तरीका मुफ्त योजनाएँ (फ्रीबीज) नहीं, बल्कि इनोवेशन और रोजगार सृजन है।

AI का हर जगह जिक्र करना फैशन बन गया है

TiEcon मुंबई 2025 में बोलते हुए मूर्ति ने कहा कि कई सिस्टम, जिन्हें AI कहा जाता है, असल में सिर्फ पुराने प्रोग्रामिंग सिस्टम हैं। उन्होंने कहा, “भारत में आजकल हर चीज़ में AI का जिक्र करना एक फैशन बन गया है। साधारण प्रोग्राम्स को भी AI बताकर पेश किया जा रहा है।”

सच्ची AI क्या होती है?

मूर्ति ने बताया कि असली AI दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित होती है:

मशीन लर्निंग – जो बड़े पैमाने पर डेटा का विश्लेषण करके भविष्यवाणियाँ कर सकती है।
डीप लर्निंग – जो मानव मस्तिष्क की तरह काम करती है और बिना किसी सुपरविजन के निर्णय ले सकती है।
उन्होंने कहा, “जो AI गहरी सीख (Deep Learning) और न्यूरल नेटवर्क्स का उपयोग करती है, वही असली AI है और वही इंसानों जैसी क्षमताएँ विकसित कर सकती है।”

AI से कुछ नौकरियां जाएंगी, लेकिन नए अवसर भी मिलेंगे

मूर्ति ने बताया कि हर तकनीकी बदलाव के साथ कुछ नौकरियां जरूर खत्म होती हैं, लेकिन अगर इसे सही तरीके से अपनाया जाए तो आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा, “हर नई तकनीक से कुछ नौकरियां जाएंगी, लेकिन अगर इसे सहायक रूप में इस्तेमाल करें, तो अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सकता है।” उन्होंने AI के उपयोग के उदाहरण देते हुए बताया कि ऑटोनॉमस व्हीकल्स, हेल्थकेयर और अन्य क्षेत्रों में AI का सही इस्तेमाल किया जाए, तो कंपनियां बड़ी होंगी और नई नौकरियां पैदा होंगी।

फ्री में सुविधाएं देना गरीबी दूर करने का हल नहीं

मूर्ति ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए मुफ्त सुविधाएं देना (फ्रीबीज) सही तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय स्टार्टअप्स को चाहिए कि वे बेहतर ग्लोबल स्टैंडर्ड्स को अपनाएं और इनोवेशन पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, “शुरुआत में यह मुश्किल लगता है, लेकिन जब आप सही सोच के साथ आगे बढ़ते हैं, तो तरक्की मिलनी तय है।” उन्होंने प्रतिभाशाली लोगों को हायर करने और नई सोच को अपनाने पर भी जोर दिया।

सब्सिडी देने से पहले उसका असर देखना जरूरी

सरकार द्वारा दी जाने वाली फ्री सुविधाओं पर नारायण मूर्ति ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मुफ्त बिजली या अन्य सुविधाएं देती है, तो इसे एक शर्त के साथ जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर बच्चों को छह महीने के लिए मुफ्त बिजली दी जाती है, तो इसके बदले यह देखना चाहिए कि क्या उनकी पढ़ाई में सुधार हुआ या नहीं।”

स्टार्टअप्स को क्या करना चाहिए?

मूर्ति ने नए उद्यमियों (एंटरप्रेन्योर्स) को सलाह दी कि वे अपने ग्राहकों, कर्मचारियों, निवेशकों और सरकार के बीच भरोसा बनाएं। उन्होंने कहा, “अगर आप समाज की भलाई के बारे में सोचेंगे, तो ग्राहक आपसे बार-बार खरीदेंगे, कर्मचारी जुड़ेंगे, निवेशक आपको समर्थन देंगे और सरकार भी चाहेगी कि आप सफल हों।”

First Published - March 12, 2025 | 10:08 PM IST

संबंधित पोस्ट