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Air India हादसे के बाद DGCA सख्त: बोइंग के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच का दिया आदेश

भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने ​एयर इंडिया की उड़ान एआई171 दुर्घटना की अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक की थी।

Last Updated- July 14, 2025 | 11:18 PM IST
Air India

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आज सभी विमानन कंपनियों को अपने बोइंग विमानों में ‘फ्यूल स्विच लॉकिंग’ प्रणाली की जांच करने और 21 जुलाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश ऐसे समय में जारी किया गया है जब पिछले महीने एआई 171 दुर्घटना के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता जताई जा रही है। भारतीय विमानन सुरक्षा नियामक का यह निर्देश उन बोइंग 777 विमानों पर लागू नहीं होगा जिनमें हनीवेल द्वारा विनिर्मित फ्यूल कंट्रोल स्विच नहीं होते हैं। मगर बोइंग के 737 और 787 विमानों में ऐसे ​स्विच लगे होते हैं।

भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने ​एयर इंडिया की उड़ान एआई171 दुर्घटना की अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक की थी। इस विमान हादसे में 260 लोग मारे गए थे। एएआईबी ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि बोइंग 787 विमान के दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद ‘रन’ से ‘कटऑफ’ यानी चालू से बंद हो गए थे। इसी वजह से विमान के दोनों इंजन बंद हो गए थे।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दुर्घटना का वास्तविक कारण क्या था। मगर सिंगापुर एयरलाइंस और एतिहाद एयरवेज जैसी कई अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों ने पिछले कुछ दिनों से अपने बोइंग 787 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच शुरू कर दी है। एतिहाद एयरवेज के प्रवक्ता ने कहा, ‘एतिहाद हमेशा यह सुनिश्चित करती है कि उसका रखरखाव बिल्कुल मानकों के अनुरूप हो।’ सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवालों का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं दिया।

दक्षिण कोरिया भी बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की अनिवार्य जांच करने का निर्देश दे सकता है। दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह जांच अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा जारी 2018 के परामर्श के अनुसार होगी। मगर उन्होंने जांच पूरी होने की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई।

एएआईबी की प्रारं​भिक जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि दुर्घटनाग्रस्त होने वाले बोइंग 787 विमान में जो फ्यूल कंट्रोल ​स्विच लगे थे, उसके लिए एफएए के 2018 के बुलेटिन में जिक्र किया गया था। एयर इंडिया ने जांचकर्ताओं को बताया कि एफएए ने सिर्फ सलाह जारी की थी। इसलिए उस समय वह जांच नहीं की गई थी। विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला गया था, मगर उसकी वजह फ्यूल स्विच संबंधी समस्या नहीं थी।

डीजीसीए ने अपने निर्देश में कहा है कि एफएए ने दिसंबर 2018 में एक विशेष उड़ान योग्यता सूचना बुलेटिन (एसएआईबी) जारी किया था। उसमें बोइंग के 737, 747, 757, 767, 787 आदि मॉडलों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग प्रणाली में खराबी के प्रति आगाह किया गया था।

एयर इंडिया और इंडिगो के पास ही बोइंग 777 विमान हैं जो डीजीसीए जांच निर्देश के दायरे में नहीं आते हैं, क्योंकि उनमें हनीवेल द्वारा विनिर्मित स्विच का उपयोग नहीं किया जाता है।

First Published - July 14, 2025 | 10:08 PM IST

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