अनिल धीरूभाई अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर को आंध्र प्रदेश में अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी) के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से तकरीबन 2000 करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा।
4000 मेगावाट की क्षमता वाली यह परियोजना राज्य के नेल्लोर जिले के कृष्णापटनम में स्थापित की जा रही है। इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना पर 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी, जिसमें से 80 फीसदी की व्यवस्था कर्ज के जरिये की जाएगी।
कंपनी को जल्द ही कोष जुटा लिए जाने की उम्मीद है। ऋण के लिए कंपनी कई वित्तीय संगठनों से बातचीत कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक कंपनी एडीबी से बातचीत कर रही है और दो सप्ताह के अंदर इस परियोजना के मूल्यांकन के लिए एक दल भारत आएगा। यह दल इस परियोजना के लिए बातचीत को अंतिम रूप देगा।
कोयला आधारित कृष्णापटनम परियोजना उन 9 विद्युत परियोजनाओं में ऐसी तीसरी परियोजना है जिन्हें देश में लगाए जाने को लेकर भारत सरकार प्रतिबद्ध है। कृष्णापटनम यूएमपीपी के लिए इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट ऐंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) ठेकेदार रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रमुख वैश्विक विद्युत उपकरण निर्माताओं से बॉयलर, टर्बाइन और जेनरेटर की खरीद के लिए बातचीत कर रही है।
इस वर्ष अप्रैल में एडीबी ने टाटा पावर कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली कोस्टल गुजरात पावर (सीजीपीएल) को पश्चिमी गुजरात में मुंद्रा में यूएमपीपी के लिए 1800 करोड़ रुपये का ऋण दिया था जो तीन परियोजनाओं में पहली परियोजना है। एडीबी ने पिछले वर्ष महाराष्ट्र में पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना के लिए भी टाटा को 317.2 करोड़ रुपये का ऋण दिया था।
विद्युत खरीद समझौते के मुताबिक रिलायंस पावर की सहयोगी कोस्टल आंध्र पावर (सीएपीएल) की पहली यूनिट सितंबर 2013 तक शुरू होने की संभावना है लेकिन कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना के कार्य को एक साल में पूरा किया जा सकता है। इस परियोजना के लिए कुल 2600 एकड़ भूमि की जरूरत है जिसमें से सरकार 70 फीसदी भूमि आवंटित कर चुकी है। मध्य प्रदेश में मुंद्रा और सासन के बाद कृष्णापटनम परियोजना अब तक दी गई तीसरी यूएमपीपी है। मुंद्रा और सासन परियोजनाएं भी रिलायंस पावर की झोली में गई हैं।