अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर पिछले एक साल में काफी चढ़े हैं। इससे उत्साहित समूह 4 अरब डॉलर (करीब 33,254 करोड़ रुपये) तक जुटाने के लिए इस हफ्ते से रोडशो शुरू कर रहा है।
बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि निवेशकों को नवीकरणीय ऊर्जा, पेट्रो रसायन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में समूह की निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए दुनिया के लगभग सभी बड़े शहरों में रोडशो किए जाएंगे। पश्चिम एशिया के कई सरकारी फंडों के अधिकारियों से अदाणी समूह के शीर्ष अधिकारी पहले ही मुलाकात कर चुके हैं और उन्हें नवी मुंबई हवाई अड्डे पर चल रहे काम के बारे में बताया गया है। यह हवाई अड्डा इस साल के अंत तक चालू हो जाएगा।
अदाणी समूह की बिजली ट्रांसमिशन फर्म अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के निदेशक मंडल ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) या अन्य माध्यमों से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। समूह की दूसरी कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल की बैठक मंगलवार को होगी, जिसमें पूंजी जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यह पूंजी या तो इक्विटी शेयरों के जुटाई जाएगी या क्यूआईपी, तरजीही निर्गम और निजी नियोजन समेत अन्य तरीकों से लाने का प्रस्ताव है।
इस बारे में जानकारी के लिए अदाणी समूह के प्रवक्ता से संपर्क किया गया मगर उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
पिछले साल जनवरी में अदाणी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती निर्गम (FPO) वापस लेने के बाद अब अदाणी समूह पूंजी बाजार में वापसी कर रहा है। समूह ने अमेरिकी शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद एफपीओ वापस लिया था। उस रिपोर्ट के कारण समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। समूह ने रिपोर्ट में लगे सभी आरोपों से इनकार किया था और बाद में सेबी की जांच में भी ये आरोप गलत पाए गए।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद लुढ़के शेयर कुछ समय उपरांत संभलकर ऊपर भी आए क्योंकि प्रवर्तकों ने समूह की तमाम कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी जीक्यूजी पार्टनर्स को बेच दी और कुछ कंपनियों का कर्ज समय से पहले चुका दिया। इस कारण समूह की वित्तीय स्थिति के बारे में निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
आज अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 3,288 रुपये पर और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 1,104 रुपये पर बंद हुआ। बैंकरों ने कहा कि अदाणी एटरप्राइजेज को भारतीय बैंकों से हाल ही में अपने पेट्रोरसायन कारोबार के लिए 17,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी मिली है और उसे हवाई अड्डा एवं बुनियादी ढांचा कंपनियों के लिए अलग से पूंजी की जरूरत पड़ेगी।
अदाणी समूह ने पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा था कि समूह का ग्रीन हाइड्रोजन तंत्र, हवाईअड्डा प्रबंधन, डेटा सेंटर, सड़क एवं तांबा तथा पेट्रोरसायन कारोबार जैसे प्राथमिक उद्योगों में भी काफी निवेश है। इन सभी कारोबार में मूल्य बढ़ने की काफी संभावना है।
केंटर फिट्जगेराल्ड के पिछले हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और निरंतर आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए विभिन्न बाजार सेगमेंट में भारी निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह अदाणी एंटरप्राइजेज के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि यह भारत के जीवन के लगभग हर पहलू को छूता है।
कैंटर फिट्जगेरल्ड के विश्लेषकों ने 22 मई को एक नोट में कहा, ‘सच कहें तो हमारे हिसाब से अदाणी समूह का जो मूल्यांकन है वह उसके मौजूदा कारोबारों और नए कारोबारों की कीमत के साथ न्याय नहीं करता और उनकी सही कीमत नहीं दिखाता। ये कारोबार बढ़ रहे हैं और परिपक्व होंगे। जब इन्हें अलग किया जाएगा तो हमारी राय में इनके शेयर अदाणी समूह के मूल्यांकन की सही तस्वीर पेश करेंगे।’